पिछले 10 दिनों में दूसरी बार अमेरिका में चुनाव के बाद कोविड-19 वैक्सीन पर गेमचेंजर ऐलान हुआ है. फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन के 94 प्रतिशत कारगर होने का दावा किया है. खास बात ये है कि इस 'कामयाब' वैक्सीन का भारत कनेक्शन है. 'विप्रो' फाउंडर अजीम प्रेमजी का मॉर्डर्ना में इंवेस्टमेंट है. कंपनी अब कोरोना महामारी से लड़ने में वैक्सीन तैयार करने की रेस में सबसे आगे की कतार में दिख रही है, बिजनेस इंसाइडर की खबर के मुताबिक, 'प्रेमजी इवेस्ट' के जरिए अजीम प्रेमजी ने कंपनी में 25-30 मिलियन का निवेश कुछ साल पहले किया था. प्रेमजी इंवेस्ट ने कुछ यूएस की हेल्थकेयर कंपनियों में भी इंवेस्ट किया है.
दान के मामले में सबसे आगे हैं अजीम प्रेमजी
इंवेस्टमेंट के अलावा दान के मामले में भी अजीम प्रेमजी सबसे आगे दिखाई देते हैं. 1 अप्रैल को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, विप्रो और विप्रो एंटरप्राइजेज ने वादा किया था कि वो कोरोना वायरस संकट में 1125 करोड़ रुपये का दान देंगे. कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत विप्रो के सालाना खर्च में इस बार ये खर्च भी शामिल रहा.
2020 की सबसे ज्यादा दान देने वालों की लिस्ट में वो पहले नंबर पर आए हैं. उन्होंने कुल 7,904 करोड़ रुपये का दान दिया है, इस हिसाब से प्रतिदिन उन्होंने औसतन 22 करोड़ रुपये दान दिया है. भारत में सबसे ज्यादा दान देने वालों की ये लिस्ट ह्यूरुन इंडिया (Hurun India Philanthropy List 2020) ने बनाई है.
फाइजर के बाद अब मॉर्डना की वैक्सीन
फाइजर ने ठीक एक हफ्ते पहले 90 फीसदी तक प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की घोषणा की थी. अगर अंतिम स्टडी में ये खरे उतरते हैं तो ये दोनों टीके अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन के पास आपातकालीन उपयोग की अनुमति के लिए जाएंगे. ट्रंप के कोरोनोवायरस टास्क फोर्स के एंथनी फाउटी को उम्मीद है कि ये टीके अगले कुछ महीनों में 'सब कुछ बदल देंगे'. फाइजर वैक्सीन के अंतिम परिणाम नवंबर के तीसरे सप्ताह आने वाले हैं.
अमेरिका में कोविड के मामले 15 नवंबर तक 1.1 करोड़ को पार कर गए, जिसमें पिछले एक सप्ताह में 10 लाख मामले शामिल हैं. देश में मृत्यु का आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है. अंतिम गिनती तक ये आंकड़ा 246,000 को पार कर गया था. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के वैक्सीन कार्यक्रम के प्रमुख ने संकेत दिया है कि दिसंबर तक करीब 2 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकता है और उसके बाद हर महीने ढ़ाई से 3 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकता है.
6 वैक्सीन पर काम कर रहा अमेरिका
अमेरिका इस वक्त 6 वैक्सीन पर काम कर रहा है, जिसमें तीन अलग-अलग तकनीकों के आधार पर विकसित किए जा रहे हैं और हर तकनीक के दो उम्मीदवार हैं. फाइजर और मॉडर्ना के टीके मैसेंजर आरएनए का इस्तेमाल करते हैं. जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका लाइव वेक्टर का उपयोग करते हैं, जबकि नोवाक्स और सनोफी/ ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन प्रोटीन प्लेटफॉर्म पर अपने टीके का निर्माण कर रहे हैं.
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