बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने बुधवार को स्वदेसी मैसेजिंग ऐप 'किम्भो' लॉन्च किया. कंपनी के मुताबिक किम्भो Whatsapp को टक्कर देगा.
देश में मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों में से ज्यादातर वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं. शायद इसीलिए लगातार नए प्रॉडक्ट लॉन्च कर रहे पतंजलि ने अब वॉट्सऐप को टक्कर देने की ठानी है.
पतंजलि के नए ऐप किम्भो को वॉट्सऐप की तरह ही डिजाइन किया गया है. इससे पहले पतंजलि ने BSNL के साथ साझेदारी कर 27 मई को अपना स्वदेशी समृद्धि सिम कार्ड लॉन्च किया था.
‘किम्भो’ नाम क्यों?
पतंजलि के प्रवक्ता ने किम्भो का मतलब समझाते हुए कहा कि संस्कृत में इसका मतलब है, “क्या चल रहा है”
Kimbho ऐप के फीचर्स की बात करें, तो इसके जरिए वॉट्सऐप की तरह वीडियो कॉलिंग की जा सकेगी. इसके अलावा इस ऐप के यूजर्स रियल टाइम में टेक्स्ट, मैसेज, वीडियो, फोटो और ऑडियो क्लिप दोस्तों के साथ शेयर कर सकेंगे. इस ऐप में लोकेशन शेयरिंग का भी फीचर है. ऐप को लेकर दावा किया गया है कि ये पूरी तरह से सेफ है और इसमें ऐड नहीं दिखेंगे.
लॉन्च होते ही विवादों में पड़ा ऐप
किम्भो लॉन्च होते ही बाबा रामदेव और पतंजलि के नाम की वजह से खूब डाउनलोड हुआ, लेकिन अब किम्भो ऐप को प्ले-स्टोर से हटा लिया गया है. ऐसा क्यों हुआ, इसकी वजह अभी तक साफ नहीं है.
इससे पहले फ्रेंच सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने किम्भो में सिक्योरिटी से जुड़ी कई कमियां होने का दावा किय था. फ्रांस के सिक्योरिटी रिसर्चर इलियट ऐल्डर्सन ने ट्वीट करके दावा किया कि वो किम्भो के सभी यूजर्स के मैसेज को आसानी से पढ़ सकते हैं.
इसके अलावा जब ऐप प्ले स्टोर पर था, तब भी इसके लिए कई नेगेटिव रिव्यू आए, जिसमें कई लोगों ने शिकायत की कि वो मैसेज नहीं भेज पा रहे. हालांकि पतंजलि और बाबा रामदेव की तरफ से अभी भी इस पर सफाई आनी बाकी है.
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