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बाबरी मस्जिद नहीं, विवादित ढांचा था, ऐतिहासिक भूल खत्म- जावडेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर बोले- बाबर ने इसलिए राम मंदिर तोड़ा क्योंकि उसमें थे देश के प्राण

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सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है, जिसके लिए देशभर में चंदा अभियान भी शुरू हो चुका है. इसके अलावा बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के केस में भी सभी आरोपियों को कोर्ट ने बेगुनाह करार दिया. अब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने की घटना को एक ऐतिहासिक गलती का खत्मा बताया है.

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वो मस्जिद नहीं, विवादित ढांचा था

एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता जावडेकर ने बाबरी मस्जिद का जिक्र छेड़ा और गर्व से कहा कि जिस दिन इसे गिराया गया था, वो भी अयोध्या में ही मौजूद थे. जावडेकर ने कहा,

“जब बाबर आए तो उन्होंने राम मंदिर ही क्यों तोड़ा? लाखों मंदिर हैं देश में, लेकिन उन्हें समझ में आया कि अगर इस देश का प्राण कहीं है तो वो राम मंदिर में है. इसके बाद वहां एक विवादित ढांचा बनाया गया, वो मस्जिद नहीं थी. क्योंकि जहां इबादत नहीं होती वो मस्जिद नहीं होती. मैं प्रत्यक्ष साक्षी हूं, 6 दिसंबर 1992 में मैं युवा मोर्चा का काम करता था और हम अयोध्या में उपस्थित थे. एक दिन पहले भी हम उसी प्रांगण में सोए थे, तब वो तीन गुंबद दिख रहे थे. लेकिन दूसरे दिन दुनिया ने देखा कि एक ऐतिहासिक भूल कैसे समाप्त हो गई.”

केंद्रीय मंत्री जावडेकर न बाबरी मस्जिद को सिर्फ एक ढांचा करार देते हुए इसे गिराए जाने को किसी भूल के खत्म हो जाने से जोड़ा. इससे पहले कई बीजेपी नेताओं ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने को सही ठहराया है.

बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी नेता हुए रिहा

बता दें कि बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई पर्याप्त सबूत इकट्ठा नहीं कर पाई. साथ ही ये भी कहा गया कि बीजेपी नेताओं ने मस्जिद को गिराने नहीं बल्कि उपद्रवियों से बचाने की भी कोशिश की थी. इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे बड़े नेताओं को आरोपी बनाया गया था, इन पर आरोप था कि इन्होंने बाबरी मस्जिद गिराने के लिए भीड़ को उकसाया था और इसकी सुनियोजित प्लानिंग भी की गई थी.

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