ADVERTISEMENTREMOVE AD

बदायूं: ‘वो महिला नहीं गई होती...’ NCW सदस्य के बयान पर भड़के लोग

बयायूं गैंगरेप-मर्डर पर संज्ञान लेते हुए महिला आयोग की दो सदस्यों की टीम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50 साल की आंगनवाड़ी कर्मचारी के गैंगरेप और मर्डर से पूरे देश में गुस्सा है. इसी बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य चंद्रमुखी देवी का एक बयान सामने आया है, जिसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है. इस बयान में NCW सदस्य महिलाओं को ही नसीहत देती दिख रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बयायूं गैंगरेप-मर्डर पर संज्ञान लेते हुए महिला आयोग की दो सदस्यों की टीम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी. परिवार से मिलने के बाद चंद्रमुखी देवी ने कहा,

“किसी के प्रभाव में महिला को समय-असमय नहीं पहुंचना चाहिए. सोचती हूं, अगर संध्या के समय वो महिला नहीं गई होती, या परिवार का कोई बच्चा साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती.”

देवी का ये बयान पितृसत्ता मानसिकता को दिखाता है, जिसमें घटना के लिए दोषी की बजाय, पीड़ित को जिम्मेदार ठहराया जाता है. ट्विटर पर इस बयान की काफी आलोचना हो रही है.

महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की सदस्य ने ऐसा कैसे और क्यों कहा. अपने ट्वीट में रेखा शर्मा ने लिखा, "मुझे नहीं मालूम की सदस्य ने ऐसा कैसे और क्यों कहा, लेकिन महिलाओं को पूरा अधिकार है कि वो अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकती हैं. उन्हें सुरक्षित वातावरण देना समाज और राज्य की जिम्मेदारी है."

कांग्रेस का महिला आयोग पर हमला

कांग्रेस ने देवी के बयान को 'भाजपाई सत्ता की सोच' जैसा बताया है. कांग्रेस ने एक ट्वीट में लिखा कि “देवी को उस कुर्सी पर बैठने का आधिकार नहीं है, जहां से महिला अधिकारों के वकालत की उम्मीद की जाती है.”

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि महिला आयोग की सदस्य के बयान से वो हैरान नहीं हैं. चतुर्वेदी ने कहा, “मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं हुई. उसने क्या पहना था, किस वक्त वो बाहर निकली, वो किसके साथ थी... ये हमेशा ही महिला की गलती होती है. शर्मनाक है कि हमारी महिला आयोग के सदस्य ऐसे हैं.”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्विटर पर लोगों ने देवी के बयान को बताया शर्मनाक

एक्टर पूजा भट्ट ने चंद्रमुखी देवी से सवाल करते हुए पूछा कि क्या वो ये मानती हैं कि इस मामले में महिला की गलती थी?

सोशल मीडिया पर कई ट्विटर यूजर्स ने देवी के बयान को शर्मनाक बताया. कई ने लिखा कि उन्हेंं इस पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

बदायूं में 3 जनवरी की शाम 50 साल की एक आंगनबाड़ी सहायिका का गैंगरेप और मर्डर कर दिया गया था. इसका आरोप मंदिर के महंत समेत तीन लोगों पर लगा था. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें आईं थीं, वहीं शरीर पर दूसरी जगह भी चोट थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×