उत्तर प्रदेश के बागपत में एक मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे की मौत के बाद मुस्लिम समाज और पुलिस के काम से नाराज होकर हिंदू धर्म अपना लिया है. परिवार के लोगों ने पहले एसडीएम को एफिडेविट देकर अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने की मांग की. उसके बाद मुस्लिम परिवार ने हिंदू युवा वाहिनी के लोगों की मौजूदगी में मंत्र पढ़कर हिंदू धर्म अपनाया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला बागपत से करीब 35 किलोमीटर दूर छपरौली थाना क्षेत्र के बदरखा गांव का है. इसी गांव के रहने वाले अख्तर अली का परिवार बेहतर जिंदगी के लिए निवाड़ा गांव में रहने लगा. वहां उसके बेटे गुलशन ने कपड़ों की दुकान खोली.
लेकिन 28 जुलाई को अचानक दुकान में ही गुलशन अली की लाश खूंटी से लटकी हुई मिली. परिवार ने आरोप लगाया कि गांव के ही दबंग मुसलमानों ने उसे मार दिया है. पुलिस ने खुदकुशी का केस बताकर शव को जबरन दफन करवा दिया. अख्तर अली जो अब धर्म सिंह बन चुके हैं उन्होंने बताया, “हमने कई मामले में पुलिस से गुहार लगाई. इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले को हत्या मानने से इनकार कर दिया.” उन्होंने कहा,
पहले मेरा नाम अख्तर अली था, मैंने अपना धर्म इसलिए बदल लिया क्योंकि पुलिस ने मेरे बेटे की मौत की सही से जांच नहीं की. साथ ही मुस्लिम समाज भी हमारे साथ नहीं खड़ा हुआ. पीएम मोदी के भारत में मुसलमानों को एक नजर से नहीं देखा जा रहा है, मैं इंसाफ की मांग करता हूं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस मामले में एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गुलशन उर्फ गुलजार की मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ नहीं हो सकी है, इसलिए इसे मेडिको लीगल एक्सपर्ट के पास लखनऊ भेजा गया है. फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन लोगों के धर्म परिवर्तन की पूरी जिम्मेदारी हिंदू युवा वाहिनी- भारत के लोगों ने अंजाम दिया है. युवा वाहिनी के लोगों ने हवन यज्ञ कर हिंदू रीति रिवाज के साथ सभी का नामकरण किया. हिंदू युवा वाहिनी (भारत) के लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और गंगा जल छिड़ककर पवित्र करने की बात कही.
परिवार के लोगों की मानें तो मुस्लिम समाज ने तो मदद नहीं की, लेकिन उन्हें भरोसा है कि हिंदू धर्म में रहकर ही इंसाफ मिल सकता है. फिलहाल पुलिस धर्म परिवर्तन के साथ मौत के आरोप के जांच में जुटी है.
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