उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक लोकल बजरंग दल के नेता ने एक मु्स्लिम दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. दुकानदार पर आरोप है कि वो अपनी दुकान में ठाकुर नाम लिखे हुए जूते बेच रहा था. मामला मंगलवार 5 जनवरी को दर्ज कराया गया है.
शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
इस मामले को जानने के लिए हमने पहले शिकायतकर्ता से बात की. बजरंग दल के जिला संयोजक विशाल चौहान ने क्विंट को बताया कि,
“मुझे हमारे ही एक कार्यकर्ता ने ये जानकारी दी कि लोकल मार्केट में मुस्लिम दुकानदार नासिर ऐसे जूते बेच रहा है, जिनके नीचे ठाकुर लिखा हुआ है. जब मैं वहां इस बात को चेक करने पहुंचा तो उसने मुझे जूते दिखाए. हम उसे पुलिस स्टेशन ले गए और अब मामले की जांच जारी है. इस ब्रैंड से जूते बनाने वाले मैन्युफैक्चरर की तलाश हो रही है.”
इस मामले में धारा 153ए (दंगा भड़काने के लिए जानबूझकर उकसाने), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने) और आईपीसी की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया.
थाना गुलौठी के एसएचओ सचिन मलिक ने क्विंट से बातचीत में बताया कि, आरोपी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया गया, लेकिन पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लाया गया.
पुलिस को ट्विटर पर देनी पड़ी सफाई
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने यूपी पुलिस के खिलाफ जमकर नाराजगी दिखाई. लोगों ने कहा कि मुस्लिम दुकानदार को यूपी पुलिस ने क्यों हिरासत में लिया, जबकि उसने वो जूते नहीं बनाए थे. इन तमाम रिएक्शन पर बुलंदशहर पुलिस की तरफ से ट्वीट किया गया. जिसमें उन्होंने लिखा,
“इस प्रकरण में वर्तमान विधि व्यवस्था के अनुसार जो सुसंगत था वह कार्यवाही की है, यदि पुलिस कार्यवाही न करती तो बहुत से लोग उल्टी/भिन्न प्रतिक्रिया देते. अतः पुलिस ने नियम का पालन किया है. कृपया इसे इसी रूप में देखें.”
क्विंट को मिले एक वीडियो में मुस्लिम दुकानदार नासिर इस संगठन से जुड़े लोगों से कह रहा है कि क्या मैंने ये जूते बनाए हैं? तभी दूसरा आदमी, जो वीडियो में दिख नहीं रहा है वो बोलता है- तो तुम इन्हें बेच क्यों रहे हो?
फिलहाल ये साफ नहीं हुआ है कि आखिर किस कंपनी ने अपने इस ठाकुर लिखे जूते को बनाया है. सोशल मीडिया पर कई यूजर आगरा की एक कंपनी ठाकुर फुटवेयर का नाम ले रहे थे. लेकिन इस कंपनी के मालिक नरेंद्र त्रिलोकानी ने क्विंट से बातचीत में बताया कि, हमारी कंपनी 40 साल पुरानी है. हमारा लोगो टीएफसी है. हम अपने लोगो में ठाकुर शब्द का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसीलिए बुलंदशहर का दुकानदार हमारी कंपनी के जूते नहीं बेच रहा था.
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