संजय दत्त के जीवन पर बनी फिल्म संजू में विलेन है मीडिया. जिसके जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि मीडिया रिपोर्ट की वजह से ही संजय दत्त को इतनी जिल्लत झेलनी पड़ी. ऐसा दिखाया गया है मानो मीडिया रिपोर्टों ने ही उन्हें ऐसे मुकदमें में फंसा दिया और इतनी परेशानियां झेलनी पड़ी.
फिल्म हिट है और बहुत कमाई कर रही है, लेकिन उस रिपोर्ट और रिपोर्टर की सच्चाई जाननी जरूरी है जिनकी खबर ने 1993 में तहलका मचा दिया था. ये रिपोर्ट बलजीत परमार ने सबसे पहले दी, स्टोरी की हेडलाइन थी- ‘संजय हैज AK-56 गन’. इसके बाद हड़कंप मच गया था. बलजीत परमार खुद बताते हैं कि उन्हें कैसे पता चला था कि मुंबई धमाकों की जांच की आंच के लपेटे में संजय दत्त आ चुके हैं.
बलजीत परमार ने अपने फेसबुक टाइमलाइन पर एक रिपोर्ट शेयर की है, जिसमें उनके हवाले से बताया गया है कि आखिर उन्हें संजय दत्त के कनेक्शन की बात कैसे पता चली. उनके मुताबिक मुंबई धमाके के एक महीने पूरे हो चुके थे, पुलिस अपनी जांच में जुटी थी, 12 अप्रैल को बलजीत माहिम पुलिस स्टेशन पर पहुंचे. बाहर ही उनकी मुलाकात एक आईपीएस अधिकारी से हुई. बलजीत ने उनसे पूछा कि मुंबई ब्लास्ट केस में नया क्या सामने आया है, आईपीएस अधिकारी का जवाब था- 'आपके एमपी के बेटे का नाम आ रहा है'
बलजीत ने कहा, वो सोचने लगे कौन सा एमपी हो सकता है जिसका बेटा फंस रहा है. वो बताते हैं अब तक उनके दिमाग में सुनील दत्त और उनके बेटे संजय दत्त का ख्याल ही नहीं आया था. वो माथापच्ची करते रहे और पुलिस अधिकारियों से नाम निकालने की कोशिश करते रहे. बलजीत के मुताबिक अब उन्होंने एक और सीनियर अफसर से ब्लाइंड गेम खेला. उन्होंने माहिम पुलिस स्टेशन के एक और आईपीएस अधिकारी को फोन किया और कहा, ''सुना है आपने किसी एमपी के बेटे को उठाया है.”
बलजीत ने तो अंधेरे में तीर छोड़ा था पर वो सही निशाने पर लगा. क्योंकि अधिकारी ने बड़ा संकेत दे दिया ''नहीं, हमने नहीं उठाया है उसे, क्योंकि उसकी शूटिंग विदेश में चल रही है''. इतना सुनते ही बलजीत परमार का पूरा शक पुख्ता हो गया वो समझ गए कि बात सुनील दत्त के अभिनेता बेटे संजय दत्त की हो रही है. जो मॉरिशस में अपने फिल्म की शूटिंग कर रहा है. कुछ इस तरह बलजीत परमार को अपनी ब्रेकिंग स्टोरी मिली जिसकी चर्चा आज तक हो रही है.
साल 2007 में छपी एक रिपोर्ट में बलजीत परमार के हवाले से बताया गया है कि उन्हें खबर मिल चुकी थी, पर उन्होंने सुनील दत्त का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हुआ.
वो कहते हैं कि अचानक एक दिन उनके पास संजय दत्त का फोन आया. संजय दत्त को पता चला कि बलजीत उनसे जुड़ी कोई स्टोरी कर रहे हैं, संजय ने उन्हें मॉरिशस से ही कॉल किया. बलजीत ने संजय दत्त को बताया कि उनके दोस्तों ने यानी समीर हिंगोरा और यूसुफ नलवाला ने पुलिस को एके-56 हथियार रखे जाने की बात बता दी है. संजय दत्त का रियक्शन था- “Oh my God,” इसके बाद उन्होंने फोन डिसकनेक्ट कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2 घंटे बाद बलजीत परमार ने संजय को दोबारा कॉल किया और ये पूछना चाहा कि पकड़े जाने पर क्या सजा मिल सकती है. बलजीत ने बताया कि अगर वो हथियार के साथ पकड़े जाते हैं तो उनपर आर्म्स एक्ट के तहत केस चलेगा और जमानत मिल सकती है. लेकिन अगर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया और हथियार बरामद कर लिया था तो TADA लग सकता है जिसमें जमानत नहीं मिलती.
बलजीत बताते हैं कि उन्होंने संजय दत्त को सलाह दी कि फौरन सरेंडर कर दो और हथियार पुलिस के पास जमा करा दो, पर संजय ने देर कर दी. संजय दत्त जैसे ही मॉरिशस से लौटे उन्हें एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद की सारी जानकारी तो जगजाहिर है.
बलजीत परमार साल 1976 में फिल्मों में काम करने की तमन्ना लिए हुए चंडीगढ़ से मुंबई पहुंचे थे. कुछ साल स्ट्रगल के बाद वो पत्रकारिता में आ गए. फिलहाल, रिटायर हो चुके हैं और मुंबई में ही रहते हैं. बलजीत कहते हैं कि उनकी संजू फिल्म में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने अपना काम किया था और संजय दत्त के इमेज सुधारने की कोशिश हो रही है तो वो इसे बकवास कहेंगे.
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