ADVERTISEMENTREMOVE AD

Sheikh Hasina का भारत से कनेक्शन? क्यों दिल्ली में छुपकर गुजारे थे 6 साल?

Sheikh Hasina ने अपनी जिंदगी बचाने के लिए भारत में शरण ली थी

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) भारत दौरे पर हैं. शेख हसीना का भारत से गहरा नाता रहा है, एक वक्त था, जब उन्होंने अपनी जिंदगी बचाने के लिए भारत में शरण ली थी और दिल्ली में उन्होंने कई साल बिताए. अब जब शेख हसीना भारत में है तो बात करते हैं उनकी जिंदगी और भारत से कनेक्शन के बारे में.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को तुंगीपारा के पूर्वी पाकिस्तान में हुआ था, जो अब बांग्लादेश में हैं. वो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं.

परिवार की हत्या के बाद भारत में मिला शरण

1975 में शेख हसीना अपने पति के साथ जर्मनी में रह रही थीं, तभी बांग्लादेश में एक ऐसी घटना घटी जो इतिहास के पन्नों में काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई. 15 अगस्त 1975 को जब भारत में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, इसी दिन बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान हसीना के पिता शेख मुजीब उर रहमान और रिश्तेदारों समेत 18 लोगों की हत्या कर दी गई. शेख हसीना जर्मनी में थीं इसलिए उनकी जान बच गई. उनके परिवार के बाकी सदस्यों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया.

इस बुरे वक्त पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शेख हसीना की मदद के लिए आगे आईं और उन्होंने हसीना को भारत में शरण देने का फैसला किया. बताया जाता है कि हसीना करीब 6 सालों तक दिल्ली के पंडारा पार्क में रहीं.

1981 में जब हालात थोड़े सुधरे तो हसीना बांग्लादेश वापस पहुंची, पिता की मौत के बाद हसीना को उनकी पार्टी की बागडोर संभालनी पड़ी.

1996 के चुनाव में आवामी लीग को सबसे ज्यादा सीटें मिली और शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं, वो पहली प्रधानमंत्री बनी जिसने अपना टर्म पूरा किया. अपने कार्यकाल में उन्होंने बांग्लादेश के विकास के लिए कई अहम काम किए.

2001 के चुनाव में शेख हसीना की पार्टी बुरी तरह हारी और कई सालों तक उन्हें विपक्ष में भी बैठना पड़ा, कई बार जेल भी जाना पड़ा. उन पर एक बार जानलेवा हमला भी हुआ, जिसमें वे बाल बाल बचीं. उस हमले में 20 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

0

बांग्लादेश में 2006 से 2008 तक बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल आ गया, इस दौरान आर्मी ने अपने हाथ में बागडोर ले ली. शेख हसीना के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए. शेख हसीना उस दौरान अमेरिका के दौरे पर गई थीं, और जब वहां से लौटी तो उनके ऊपर केस चला और उन्हें जेल तक जाना पड़ा.

2008 में चुनाव हुए तो आवामी लीग ने 230 सीटें जीतीं और शेख हसीना फिर पीएम बनीं. 2014 के चुनाव में भी उन्होंने शानदार जीत हासिल की.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×