देश के सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर दो दिनों के हड़ताल का ऐलान किया है. 30 और 31 मई को सभी सरकारी बैंक के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं.
बता दें कि इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकारी बैंक के कर्मचारी और अधिकारियों की सैलरी में सिर्फ 2% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. जिसके विरोध में हड़ताल का ऐलान किया गया है. ये हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले बुलाया गया है. बैंक यूनियन के मुताबिक, इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन (आईबीए) ने उनके वेतन में महज 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के मुताबिक,
हड़ताल की वजह से लोगों काफी दिक्कतें आ रही हैं, यहां तक कि कई जगह एटीएम मशीन भी खाली हैं.
बैंकों को जो नुकसान हो रहा है, उसका कारण एनपीए यानी बैड लोन है. इस नुकसान के लिए बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं. पिछले दो-तीन साल से बैंक कर्मचारियों ने जन-धन, नोटबंदी, मुद्रा योजना और अटल पेंशन योजना समेत अन्य योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इससे कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी बढ़ा है. ऐसे में उनके वेतन में महज 2 फीसदी के इजाफा का प्रस्ताव चौंकाने वाला कदम है.
2012 से 2017 तक सैलरी में 15% इन्क्रीमेंट
इससे पहले, नवंबर 2012 से 31 अक्टूबर 2017 के बीच लागू सैलरी के समझौते में कर्मचारियों को 15% की बढ़ोतरी दी गई थी. लेकिन इस बार 2% बढ़ोतरी की बात कर्मचारियों के गले के नीचे नहीं उतर रही है. ऐसे में अगर दो दिन बैंक बंद रहेंगे तो इसका असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ सकता है.
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