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सरकारी बैंकों के विलय का विरोध, बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हड़ताल पर जा सकते हैं कर्मचारी

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अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है.

सरकार के फैसले पर विरोध प्रदर्शन के लिए सरकारी और निजी बैंकों में काम कर रहे इस संगठन के सदस्य शनिवार को विरोध दर्ज कराने के लिए काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थलों पर पहुंचे.

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सरकार ने गलत समय पर लिया बैंकों के विलय का फैसला

संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि इसके विरोध में एक रैली की भी योजना है. उन्होंने कहा कि कि इस विलय का मतलब छह बैंकों का बंद होना है.

सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर बनाए 4 बड़े बैंक

बता दें, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की. विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है, ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके.

सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर के चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है.

इसमें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा.

पीएनबी विलय के बाद देश का दूसरा और केनरा बैंक चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा. विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी. पीएनबी के बाद बैंक आफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक होगा.

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हड़ताल पर जा सकते हैं कर्मचारी

वेंकटचालम ने कहा कि सरकार इसे विलय कह सकती है लेकिन इससे छह बैंक बैंकिंग क्षेत्र से गायब हो जाएंगे, जिन्हें बनने में सालों लगे हैं.

उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाने को लेकर दिल्ली में 11 सितंबर को संघ की बैठक होगी.

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