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बंद करने होंगे कई ATM-ब्रांच,10 सरकारी बैंकों का विलय,10 चुनौतियां

बैंकों के मर्जर के साथ-साथ उनके नेटवर्क का मर्जर करना भी बड़ी चुनौती है

Published
भारत
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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार कई कोशिशें कर रही है. इसी के मद्देनजर सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय करने का ऐलान किया है. 10 सरकारी बैंक के विलय से 4 नए बैंक अस्तित्व में आएंगे. सरकार का कहना है कि नेक्स्ट जेनरेशन बैंक बनाने और लागत कम करने के उद्देश्य से इन बैंकों का मर्जर किया जा रहा है. लेकिन इस प्रोजेक्ट को एग्जिक्यूट करना आसान काम नहीं हैं. तकनीकी और सांस्कृतिक आधार पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. आइए इन चुनौतियों पर डालते हैं एक नजर...

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10 सरकारी बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिर्फ 12 सरकारी बैंक बचेंगे. इन बैंकों के नाम हैं- भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक.

10 बैंकों का मर्जर -10 चुनौतियां

  1. तकनीकी आधार पर बैंकों को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना है. क्योंकि सभी बैंकों के सॉफ्टवेयर का वर्जन अलग-अलग होता है. इन सॉफ्टवेयर का एकीकरण करना बड़ी चुनौती है.
  2. बैंक के कर्मचारी अभी मौजूदा सॉफ्टवेयर पर काम करने से वाकिफ हैं. बैंकों के मर्जर के बाद उन्हें नए सॉफ्टवेयर पर काम करना होगा. इसके लिए शुरुआत में उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
  3. एक-दूसरे में मर्जर वाले सभी बैंकों की बैलेंसशीट को कंबाइन करना होगा. साथ ही उनके पास जमा सभी धन को भी इकट्टा करना होगा.
  4. बैंकों के मर्जर के साथ-साथ उनके नेटवर्क का मर्जर करना भी चुनौती भरा है. एक नया नेटवर्क सेटअप करना तो आसान है, लेकिन दो या उससे ज्यादा नेटवर्क का मर्जर करना मुश्किल काम है.
  5. बैंकों के मर्जर में चुनौती ये भी है कि किन बैंक की शाखाओं को चालू रखना है और किसे शिफ्ट या बंद करना है. जैसे- केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का मर्जर होना है. कर्नाटक में कई जगह पर दोनों की शाखाएं आसपास हैं. ऐसे में कुछ शाखाओं को अपनी जगह से शिफ्ट या फिर एक को बंद करना होगा.
  6. ऐसे ही एक चुनौती ये भी है कि किन एटीएम का चालू रखना है और किसे शिफ्ट या बंद करना है.
  7. एक होने वाले बैंकों को अपने एटीएम नेटवर्क का भी विलय करना होगा.
  8. बैंकों के मर्जर में वर्क कल्चर एकीकरण भी चुनौती होती है. क्योंकि हर बैंक की अपनी अलग-अलग कार्य संस्कृति होती है. इनके एकीकरण में लंबा समय लगता है. अलग संस्कृति की वजह से कर्मचारियों को काम करने में असुविधा का सामना करना पड़ता है.
  9. HR पॉलिसी में भी बैंकों को एकीकरण करना होगा. सभी संगठन में कर्मचारियों के लिए अलग-अलग एचआर पॉलिसी होती है. मर्जर के बाद इन नियमों को एक समान करना होगा.
  10. इसके अलावा बैंकों को स्टेशनरी पर काफी खर्चा करना होगा. ग्राहकों की पासबुक से लेकर एटीएम कार्ड तक बदलने होंगे. उन्हें खाते की नई किट देनी होगी.

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