बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ‘द कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इंडिया: सेलिब्रेटिंग एंड कैलिब्रेटिंग 70 इयर्स - अ कंपेंडियम ऑफ आर्टिकल्स’ किताब की एक कॉपी 31 अगस्त को भारत के माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की गई.
किताब में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, जस्टिस एके सीकरी, इंदिरा जयसिंग और प्रो उपेंद्र बक्सी जैसे कानूनी विशेषज्ञों के सालों से चलते आ रहे महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दों पर आर्टिकल हैं. इसमें पत्रकारों, राजनीतिक विचारक, अकैडमिक्स, नेताओं और ब्यूरोक्रैट्स के भी आर्टिकल शामिल हैं.
ये संग्रह बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट एमेरिटस फली एस नरीमन को समर्पित किया गया है, जिन्होंने लॉ प्रैक्टिस में 70 साल पूरे कर लिए हैं. ये बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन और बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट-इलेक्ट प्रशांत कुमार द्वारा प्रेजेंट की गई थी.
किताब बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के 60 साल पूरे होने को भी सेलिब्रेट करती है.
द क्विंट के फाउंडर राघव बहल, और द क्विंट के एसोसिएट एडिटर-लीगल, वकाशा सचदेव का आर्टिकल- ‘इंडियाज कॉन्सिट्यूशन हैज अ गैप विच लीव्स प्रेस फ्रीडम एट द मर्सी ऑफ स्टेट’ भी किताब में शामिल है.
आर्टिकल प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खास सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता की ओर इशारा करता है. ये सुरक्षा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार से ऊपर है, जो देश के प्रत्येक नागरिक को आर्टिकल 19 (1)(a) के तहत प्राप्त हैं.
बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, “ये किताब संग्रह न केवल वकीलों बल्कि जस्टिस, विधायकों, नौकरशाहों, मीडियाकर्मियों और नागरिकों के लिए भी उपयोगी होगा.”
किताब में केके वेणुगोपाल, गोपाल सुब्रमणियम, डेरियस जे खंबाटा, अमिताभ कांत, डॉ. नरेश त्रेहान, राजमोहन गांधी, प्रो (डॉ) उपेंद्र बक्सी, प्रो (डॉ) मूलचंद शर्मा, श्याम दीवान, प्रिया हिंगोरानी, इंदिरा जयसिंग, माधवी गोराडिया दीवान, तुषार मेहता, मुकुल रोहतगी, अरविंद पी दातर, जस्टिस एके सीकरी, डॉ सुब्रमण्यम स्वामी, कपिल सिब्बल, डॉ अभिषेक मनु सिंघवी, दुष्यंत दवे, शार्दुल श्रॉफ, सिरिल श्रॉफ और प्रशांत कुमार कॉन्ट्रिब्यूटर्स हैं.
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