कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद एमएलए हॉस्टल में नजरबंद रखे गए पांच शीर्ष नेताओं को छोड़ कर सभी को इस महीने छोटे-छोटे समूहों में छोड़ा जा सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में रखे गए नेताओं में से पांच को छोड़ कर सभी को इस महीने छोड़ा जा सकता है. जिन पांच नेताओं के जल्दी रिहा होने की संभावना नहीं है उनमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस चीफ सज्जाद लोन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के जनरल सेक्रेट्री अली मुहम्मद सागर, पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल, सीनियर पीडीपी लीडर नईम अख्तर और पीडीपी यूथ विंग के प्रेसिडेंट वाहिद यू आर रहमान पारा शामिल हैं.
रिहाई के लिए भरना होगा बॉन्ड
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्र के मुताबिक कम से कम छह नेताओं को इस सप्ताह छोड़ा जा सकता है. हालांकि उन्हें बॉन्ड भरना होगा. अभी पीडीपी के एजाज मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सलमान सागर, शौकत गनई, अली मोहम्मद डार, अल्ताफ कुलू और अवामी इत्तेहाद पार्टी के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बिलाल सुल्तान समेत 26 नेता एमएलए हॉस्टल में नजरबंद हैं.
इन लोगों को पिछले साल नवंबर में सुरक्षा और लॉजिस्टिक कारणों का हवाला देकर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर से एमएलए हॉस्टल ले आया गया था. पिछले साल अगस्त में 58 राजनीतिक नेताओं को शेर-ए-कश्मीर सेंटर में नजरबंद कर दिया गया था.
तीनों पूर्व सीएम की जल्द रिहाई के आसार नहीं
सूत्रों के मुताबिक तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को छोड़ने के लिए फिलहाल फैसला लेने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. फारुक अब्दुल्ला को पीएसए के तहत गुप्कर रोड स्थित उनके घर में बंद रखा गया गया है. वहीं उमर अब्दुल्ला को हरि निवास में रखा गया है. महबूबा मुफ्ती को मौलाना आजाद रोड स्थित एक सरकारी भवन में रखा गया है.
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में पिछले साल 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाने के बाद कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया था. 800 लोग अभी भी हिरासत में हैं. इसके अलावा और 200 लोगों को अलग-अलग जेलों में रखे गए हैं. जिन नेताओं को एमएलए हॉस्टल में रखा गया है, उन्हें पांच अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 हटाने के साथ ही हिरासत में ले लिया गया था.
सोमवार को हिरासत में रखे गए पांच नेताओं को छोड़ा गया था. उनमें पूर्व पीडीपी एमएलए जहूर मीर, पीडीपी के लिए बशीर मीर, नेशनल कॉन्फ्रंस के डॉ. गुलाम बनी, पूर्व विधायक और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता इशफाक जब्बार और पूर्व विधायक यासिर रेशी शामिल हैं. इन सभी को एमएलए हॉस्टल में रखा गया था.
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