बेंगलुरू में सफाई करने गटर में गए 17 साल के बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई. बच्चे को बचाने के लिए गई 50 साल के मरिअन्ना की हालत भी बेहद नाजुक है. वे फिलहाल हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं. यह घटना 25 जनवरी को बेंगलुरू के इंफेंट्री रोड पर स्थित एक बिल्डिंग में हुई.
सिदप्पा लिंगराजपुरम् में कचराकानाहल्ली के रहने वाले हैं. सिदप्पा के पड़ोसियों के मुताबिक, शनिवार को लेबर कांट्रेक्टर मरिअन्ना ने 600 रुपये के बदले एक बिल्डिंग में सीवेज का मलबा हटाने का काम दिया. इस बिल्डिंग को एसएसबीएस जैन संघ ट्रस्ट मैनेज करता है. भारत में मौजूद कानूनों के विरुद्ध सिदप्पा से गंदगी साफ करवाई गई.
बचाने गए मरिअन्ना की हालत भी नाजुक, बचने के आसार कम
चेंबर में घुसने के बाद जब सिदप्पा बाहर नहीं आया, तो मरिअन्ना उसे बचाने गड्ढे में उतरे. लेकिन वो भी वहां बेहोश हो गए. इस बीच बिल्डिंग में काम कर रहे मजदूरों ने जल्दी से उन्हें बाहर निकाला और हॉस्पिटल पहुंचाया. हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही सिदप्पा की मौत हो गई. डॉक्टरों ने भी इस बात की पुष्टि की. वहीं मरिअन्ना फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं.
टीएनएम से बात करते हुए बॉउरिंग हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया,’’मरिअन्ना को वेंटिलेटर पर रखा गया है, वह हाइपोक्सिया से पीड़ित हैं. उनके गुर्दों में गंदगी भर गई है. उनके बचने की उम्मीद कम ही है.’’
सिदप्पा के भाई मल्ला ने टीएनएम को बताया, आज सुबह मिस्त्री आया और उसे काम पर ले गया. हमें यह नहीं पता था कि मिस्त्री उसे गंदगी साफ करवाने के लिए ले जा रहा है. सिदप्पा आदि कर्नाटक समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है. सिदप्पा के पड़ोसी अकबर ने बताया कि उनके पड़ोस से अकसर ही लोगों को मल साफ करवाने के लिए ले जाया जाता है. इस बीच बेंगलुरू के अलग-अलग हिस्सों से सफाई कर्मचारी सिदप्पा को न्याय दिलाने के लिए जुटे हैं.
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