उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा ने सिर्फ देश में खबरें नहीं बनाई, बल्कि विदेशों में भी इस घटना को लेकर काफी चर्चा हो रही है. जब ट्रंप भारत आए थे तो उनसे CAA पर चल रही हिंसा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘ये भारत का मामला है’. अब अमेरिका के सीनेटर, डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और राष्ट्रपति पद के अहम दावेदार बर्नी सेंडर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को उनके बयान के लिए घेरा है.
ट्रंप के बयान को बर्नी सेंडर्स ने मानव अधिकार की राजनीति से जोड़ा और कहा-
करीब 20 करोड़ मुसलमान भारत को अपना घर बताते हैं. बड़े पैमाने पर मुस्लिम विरोधी मॉब हिंसा ने 27 से ज्यादा लोगों की जान ले ली. और इस पर ट्रंप ने बयान दिया ‘ये भारत का मामला है’. ये मानव अधिकार के मुद्दे पर हमारे नेतृत्व की नाकामी है.बर्नी सेंडर्स, अमेरिकी सीनेटर
बर्नी सैंडर्स के इस बयान पर बीजेपी ने नेता और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट के रिप्लाई में लिखा-
हम कितना भी निष्पक्ष रहने की कोशिश करें लेकिन आप हमें अमेरिकी चुनाव में पक्ष लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं. ये कहने के लिए माफी.. लेकिन आप हमें बाध्य कर रहे हैं.बीएल संतोष, बीजेपी नेता
हालांकि बीएल संतोष ने कुछ ही देर में ये ट्वीट डिलीट कर दिया.
USCIRF ने मोदी सरकार से कहा- सुरक्षा दो
वहीं यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF ) ने भी अब दिल्ली हिंसा पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया है. USCIRF ने लिखा हम मुसलमानों को टारगेट करती हुए मॉब हिंसा को लेकर चिंतित हैं. मोदी सरकार से हमारी अपनी है धार्मिक अल्पसंख्यकों और बाकी जिनको भी निशाना बनाया गया है उनको सुरक्षा दें.
USCIRF इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. रवीश कुमार ने लिखा कि ‘USCIRF, कुछ मीडिया संस्थानों और कुछ लोगों ने दिल्ली में हुई हिंसा की घटनाओं पर कमेंट किए हैं. ये तथ्यात्मक रूप से लगत हैं और ये मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं.’
34 लोगों ने गंवाई जान
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि दिल्ली हिंसा में अब तक 34 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं पुलिस ने अब तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसाग्रस्त विभिन्न इलाकों में रात को सुरक्षा बालों ने फ्लैग मार्च किया. वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से लेकर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया तक नॉर्थईस्ट दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे हैं. इन्होंने हिंसा में प्रभावित हुए लोगों से बात की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)