केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के पारित होने के एक साल पर किसानों ने भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया है. किसान 27 सितंबर की सुबह 6 बजे से ही सड़कों पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान देश के कई हिस्सों में किसानों ने सड़कों और रेलवे ट्रैक्स को ब्लॉक कर दिया है. किसानों के भारत बंद को कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर किसानों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है.
'किसानों की सभी मांगें जायज' - अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये दुख की बात है कि किसानों को भगत सिंह के जन्मदिन पर भारत बंद का आह्वान करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "अगर आजाद भारत में भी किसानों की नहीं सुनी जाएगी तो कहां सुनी जाएगी? उनकी सभी मांगें जायज हैं, हम शुरू से उनके पक्ष में रहे हैं. केंद्र से अपील है कि किसानों की मांगे जल्द से जल्द मानें ताकि किसान अपने घर जा सके."
'पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ' - कांग्रेस
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है. इसलिए आज भारत बंद है." उन्होंने आगे हैशटैग में लिखा- 'मैं किसानों के साथ हूं.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए लिखा, "खेत किसान का, मेहनत किसान की, फसल किसान की, लेकिन बीजेपी सरकार इन पर अपने खरबपति मित्रों का कब्जा जमाने को आतुर है."
SP, BSP का भी किसानों को समर्थन
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ को पूर्ण समर्थन दिया है. उन्होंने कहा, "देश के अन्नदाता का मान न करनेवाली दंभी बीजेपी सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. किसान आंदोलन बीजेपी के अंदर टूटन का कारण बनने लगा है."
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा, "केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आंदोलित हैं- 'भारत बंद ' के शांतिपूर्ण आयोजन को बीएसपी का समर्थन."
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