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GST-पेट्रोल पर कारोबारियों का भारत बंद आज,किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया बंद का समर्थन

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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, जीएसटी के नियमों में किए गए बदलाव और ई-कॉमर्स बिजनेस में विदेशी कंपनियों की बढ़ते हस्तक्षेप को देखते हुए देशभर के कारोबारी और ट्रांस्पोर्टर ने भारत बद बुलाया है.

खुदरा कारोबारियों के संगठन का दावा है कि GST के खिलाफ आज के ‘भारत बंद’ में देशभर के करीब 8 करोड़ व्यापारी हिस्सा लेंगे. साथ ही एक करोड़ से ज्यादा ट्रांस्पोटर भी इस बंद के साथ हैं.

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कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों में हाल ही में किये गए कुछ संशोधन और ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की मनमानी पर एक दिन की हड़ताल को लेकर कहा है कि जीएसटी की जटिल प्रावधानों से व्यापारी त्रस्त हैं, इसलिए ये बंद बुलाया गया है.

वहीं कैट के इस बंद को ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी समर्थन किया है. हालांकि AITWA का विरोध प्रदर्शन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और ई-वे बिल को लेकर है.

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ट्विटर पर लिखा है,

इस ‘भारत बंद’ में GST को सरल बनाने की मांग को लेकर देश भर के 8 करोड़ व्यापारी हिस्सा लेंगे. AITWA के एक करोड़ ट्रांस्पोर्टर और लाखों टैक्स प्रोफेशनल भी इस बंद में शामिल होंगे.

बंद का असर किन क्षेत्रों में पड़ेगा

एक बयान में कैट ने कहा है कि देश भर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां शुक्रवार को बंद रहेंगी. इसके अलावा उसने कहा कि लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों और व्यापार से जुड़े दूसरे क्षेत्रों के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संगठन भी व्यापार बंद को अपना समर्थन देंगे. बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे.

AITWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र आर्य के मुताबिक सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों से सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक अपने वाहनों की सेवा बंद रखने के लिए कहा गया है. सभी ट्रांसपोर्ट गोदाम अपने यहां प्रोटेस्ट बैनर लगाएंगे.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे-बड़े संगठन शुक्रवार को धरना देंगे.

होलसेल और रिटेल बाजार भी आज पूरी तरह से बंद रहेंगे. हालांकि जरूरी वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद में शामिल नहीं किया गया है. साथ ही रेसिडेनशियल एरिया और कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी बंद से बाहर रहेंगी. इसके अलावा आम लोगों की सवारी गाड़ी पर भी इसका खास असर नहीं होगा, क्योंकि सिर्फ व्यावसायिक गतिविधियों वाली गाड़ियों को बंद का साथ देने की बात है. 

GST पर क्या है नाराजगी

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया के मुताबिक 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में एकतरफा कई संशोधन किये गए जिनको लेकर देश भर के व्यापारियों में बड़ा गुस्सा है. इन संशोधनों द्वारा कर अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं जिनमें विशेष तौर पर अब कोई भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार कोई भी कारण से किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर ससपेंड कर सकता है.

उन्होंने कहा की इस प्रकार के नियमों से न सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि अधिकारी किसी भी व्यापारी को प्रताड़ित कर सकेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया बंद का समर्थन

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करे रहे किसानों ने भी व्यापारियों के बंद को समर्थन दिया है. किसानों की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों से शुक्रवार के ‘भारत बंद’ में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने की अपील की है.

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