वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
कॉम्बैट मिशन के लिए क्वॉलीफाई करने वाली पहली महिला फाइटर पायलट, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने फिर इतिहास रच दिया है. भावना कांत गणतंत्र दिवस के फ्लाईपास्ट में भाग लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट के साथ-साथ वायुसेना की टुकड़ी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं.
वायुसेना की झांकी ‘भारतीय वायुसेना: शान से छुएं आकाश’ में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर और सु-30 एमके-l एयरक्राफ्ट को शामिल किया गया था.
कुछ दिनों पहले, कांत ने इंडिया टुडे से कहा था, “मैं बचपन से टीवी पर गणतंत्र दिवस की परेड देख रही हूं और मेरे लिए ये गर्व की बात है कि इस बार मैं इसका हिस्सा बनूंगी. मैं राफेल और सुखोई समेत दूसरे फाइटर विमान भी उड़ाना चाहती हूं.”
कॉम्बैट मिशन के के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला फाइटर
अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ भावना कांत 2016 में वायुसेना में बतौर पहली महिला पायलट शामिल हुई थीं. नवंबर 2017 में भावना ने फाइटर स्क्वाड्रन ज्वाइन किया और मार्च 2018 में पहली सोलो फ्लाइट MiG 21 BISON उड़ाई.
मई 2019 में कांत कॉम्बैट मिशन क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पायलट बनीं. 29 साल की भावना फिलहाल राजस्थान एयरबेस में पोस्टेड हैं और MiG-21 BISON उड़ाती हैं.
फाइटर पायलट बनना बचपन का सपना
फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत के पिता, तेज नारायण कांत कहते हैं, "भावना पढ़ाई में अच्छी थी. वो स्कूल के दिनों से ही उड़ने की बातें किया करती थी. उसने बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की, लेकिन साथ ही वायुसेना में जाने की कोशिश करती रही. हमें उस पर गर्व है, एक पिता और क्या मांग सकता है?"
“मेरे माता-पिता ने मुझे कभी ये महसूस नहीं होने दिया कि मुझे अलग सोच रखने की जरूरत है क्योंकि मैं लड़की हूं, बचपन में मुझे नहीं पता था कि महिलाओं को फाइटर पायलट बनने की अनुमति नहीं है. एक फाइटर बनने के लिए महिलाओं के लिए हर वक्त सही है. मैं खुश हूं कि ये अब हो गया है.”फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत
9 मार्च 2020 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था.
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