महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सत्ता में आए, लेकिन अब एक बार फिर सरकार में शामिल इन दलों के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं. एनसीबी प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर भीमा कोरेगांव मामले को उठाया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच सही दिशा में नहीं जा रही है. बता दें कि इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है और शरद पवार पहले भी इसका विरोध कर चुके हैं.
भीमा कोरेगांव मामले की जांच को लेकर शरद पवार ने कहा कि,
“पिछले कुछ दिनों से नक्सलवाद के नाम पर महाराष्ट्र जो गिरफ्तारियां हो रही है उसने अस्वस्थ कर दिया है. ये जो हो रहा है वो ठीक नहीं है. हमने इस केस को लेकर विस्तृत चर्चा की. भीमा कोरेगांव मामले की जांच NIA भले ही कर रही हो लेकिन महाराष्ट्र सरकार के पास भी कुछ अधिकार हैं. इस संदर्भ मे जानकारों से चर्चा कर उनकी राय ली जानी चाहिए. हमारा मानना है की भीमा कोरेगांव मामले की जांच सही दिशा मे नहीं हो रही है.”शरद पवार
NIA जांच का कर चुके हैं विरोध
बता दें कि इससे पहले भी शरद पवार इस मामले की एनआईए जांच का विरोध कर चुके हैं. पवार ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को लेटर लिखकर कहा था कि, सरकार को इसके लिए एक स्पेशल जांच टीम गठित करनी चाहिए. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने बैठक बुलाई लेकिन इस पर फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने जांच को एनआईए के पास ट्रांसफर कर दिया. शरद पवार ने केंद्रीय एजेंसी से इस मामले की जांच पर कहा था,
“राज्य पुलिस के अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक थी, और दोपहर 3 बजे मामले को एनआईए को स्थानांतरित करने का आदेश दिया. ये संविधान के अनुसार गलत है, क्योंकि अपराध की जांच में राज्य का क्षेत्राधिकार है.”
कंगना पर भी दिया जवाब
इस दौरान एनसीपी प्रमुख ने कंगना के उस ट्वीट का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पवार पर निशाना साधा था. पवार ने कंगना का नाम लिए बिना कहा, "मेरी भी इच्छा है की मेरे नाम पर कोई बिल्डिंग करे, मतलब जो व्यक्ति आरोप लगा रहा है उनसे जिम्मेदारी से बोलने की अपेक्षा रख सकते हैं क्या?" बता दें कि कंगना ने उनके फ्लैट में अवैध निर्माण की बात सामने आने के बाद कहा था कि अगर ऐसा है तो इसके लिए शरद पवार जिम्मेदार हैं, क्योंकि ये फ्लैट उनके पार्टनर से खरीदा गया था.
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