ADVERTISEMENTREMOVE AD

भीमा कोरेगांव केसः SC का फैसला, 4 हफ्ते और बढ़ाई गई नजरबंदी

SC ने 4 हफ्ते के लिए बढ़ाई 5 एक्टिविस्ट की नज़रबंदी  

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने सभी कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की नजरबंदी अगले चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी है. ये सभी पिछले 29 अगस्त से अपने घरों में नजरबंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी जांच का आदेश देने से भी इनकार कर दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार सभी कार्यकर्ता सहायता के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख कर सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को जांच की केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था. साथ ही पुलिस और एक्टिविस्ट दोनों पक्षकारों को 24 सितंबर तक अपने लिखित नोट दाखिल करने के लिये कहा था.

पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश अडिशनल सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि पूरी केस डायरी कोर्ट के सामने पेश करे. वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने तुषार मेहता से सवाल किया कि मीडिया के पास वह लेटर कहां से आया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ADVERTISEMENTREMOVE AD

भीमा कोरेगांव गिरफ्तारी केसः क्या है मामला

भीमा कोरेगांव हिंसा की साजिश रचने और नक्सलवादियों से संबंध रखने के आरोप में पुणे पुलिस ने बीती 28 अगस्त को देश के अलग-अलग हिस्सों से वामपंथी विचारक गौतम नवलखा, वारवारा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालवेस को गिरफ्तार किया था.

इसके बाद 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन गिरफ्तारियों पर रोक लगा दी और अगली सुनवाई तक हिरासत में लिये गए सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को अपने ही घर में नजरबंद रखने के लिए कहा.

ये भी पढ़ें- भीमा कोरेगांव: 5 ‘वॉन्टेड’ कार्यकर्ताओं को जानकर हैरान रह जाएंगे

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×