छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा के बैलाडीला खदानों से संबंधित शिकायतों की जांच का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि खदान परियोजना से संबंधित सभी काम रोक दिए जाएंगे. दंतेवाड़ा में स्थानीय लोगों के विरोध के बाद बैलाडीला हिल रेंज में जंगलों की कटाई रोक दी गई है. एनएमडीसी (National Mineral Development Corporation) ने यहां लौह अयस्क के खनन के लिए अडाणी इंटरप्राइजेज को डिपोजिट 13 खदानें दी हैं और अब लग रहा है कि इनका पट्टा रद्द हो सकता है.
खदानों को ग्राम सभा की मंजूरी की जांच होगी
पिछले कुछ वक्त से अडाणी इंटरप्राइजेज का पट्टा रद्द कराने की मांग लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन चल रहा है. मंगलवार को बस्तर से कांग्रेस सांसद दीपक बैज, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, कांग्रेस विधायकों और सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों से मुलाकात के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने बैलाडीला खदानों में खनन को ग्राम सभा की मंजूरी (जुलाई 2014 में दी गई मंजूरी) की जांच का फैसला किया है. अब यहां सारी गतिविधियां रोक दी जाएंगी. इसके बाद यहां वन कटाई पर रोक लगा दी गई.
बघेल ने कहा, पट्टा रद्द करने का फैसला अकेले राज्य सरकार नहीं ले सकती
सीएम से पूछा गया कि क्या अडाणी एंटरप्राइजेज का माइनिंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इस पर उन्होंने कहा कि एनसीएल में 51 फीसदी हिस्सेदारी एनएमडीसी और 49 फीसदी हिस्सेदारी छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की है. इसलिए यह फैसला सिर्फ राज्य सरकार नहीं ले सकती. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि संबंधित विभाग इस मामले में केंद्र से जल्द ही पत्राचार करेगा.
राज्य के दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला क्षेत्र की पहाड़ी में स्थित डिपोजिट नंबर 13 पर खनन के विरोध में इस महीने की सात तारीख से क्षेत्र के आदिवासी धरने पर हैं. आदिवासियों का कहना है कि एनएमडीसी ने डिपोजिट 13 को अडाणी समूह को सौंप दिया है और इस पहाड़ी में उनके इष्ट देवता प्राकृतिक गुरु नन्दराज की धर्म पत्नी पिटोरमेटा देवी विराजमान हैं. आदिवासियों के इस आंदोलन को क्षेत्र के स्थानीय नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी समर्थन दिया है.
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