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बिहार: ASP पर नशे में IG के भाई को सरेआम पीटने का आरोप, टूटा पैर

बिहार में शराबबंदी है और एक एएसपी पर नशे में मारपीट करने के ये आरोप गंभीर हैं.

Published
भारत
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बिहार (Bihar) में शराबबंदी कानून को अमली जामा पहनाने को लेकर यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा समीक्षा बैठक की जाती है. नशामुक्ति दिवस के दिन राज्य भर के वर्दीवालों को शराब न पीने की कसम खिलाई जाती है.

कानून को कानून साबित करने के लिए शादी ब्याह में महिलाओं के कमरे में पुलिसवाले शराब ढूंढने निकलते हैं. एक बोतल के साथ 6-6 इंजीनियर को गिरफ्तार किया जाता है. ये हाल के घटनाक्रम हैं.

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शराब के मामले में किसी को नहीं बख्शने की कसम खा चुकी बिहार पुलिस ने ऐसा करके खूब अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे.

दरअसल पुलिस विभाग में तैनात एक IG के भाई ने ASP के ऊपर शराब के नशे में धुत होकर मारपीट करने और पैर तोड़ने का आरोप लगाया है, जो बिहार के एक अन्य जिले के DM और SP के रिश्तेदार भी हैं. इस मामले में संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आरोपी एएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

एएसपी ने IG के भाई के साथ की मारपीट

मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के छतौनी थाना क्षेत्र का है. यहां छतौनी डायट भवन स्थित मतगणना केंद्र पर शराब के नशे में एएसपी द्वारा आईजी के भाई और मुखिया पति अवधेश सिंह के साथ मारपीट की गई और उनका दाहिना पैर तोड़ दिया गया.

यह आरोप पीड़ित अवधेश सिंह ने एएसपी पर लगाया है. पुलिस की पिटाई से बुरी तरह जख्मी हुए अवधेश सिंह का इलाज इलाके के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में कराया जा रहा है. इस घटना को लेकर पीड़ित ने कोर्ट में शिकायत की है, जिसपर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

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ट्रेंडिंग बिहार की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित अवधेश सिंह मोतिहारी के कोटवा थाना क्षेत्र अंतगर्त जसौली जमुनिया गांव के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी मीरा देवी जसौली पंचायत की मुखिया हैं.

घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पीड़ित अवधेश सिंह ने बताया कि पिछले शुक्रवार को नशामुक्ति दिवस के दिन उनके साथ यह घटना हुई थी. पंचायत चुनाव के आठवें चरण में उनके यहां चुनाव था. 26 नवंबर को इस चरण का रिजल्ट आने वाला था. वह छतौनी डायट भवन स्थित मतगणना केंद्र पर इलेक्शन एजेंट और काउंटिंग एजेंट के रूप में तैनात थे.

वेटिंग हॉल के पास प्रतीक्षा करने के दौरान मोतिहारी के एएसपी ओमप्रकाश सिंह के साथ उनकी नोकझोंक हो गई.

पीड़ित का आरोप है कि एएसपी शराब के नशे में थे और सार्वजनिक स्थल पर उनके साथ गाली-गलौज करते हुए केस में फंसाने की धमकी दी.
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घायल होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती

अवधेश सिंह ने आगे बताया कि इसके बाद लाठी से उन पर आक्रमण कर दिया और उनका पैर टूट गया.

उन्होंने ये भी कहा कि आईजी के भाई हो तो तुमको छोड़ देंगे क्या? एसएसपी द्वारा पिटाई से अवधेश सिंह के दाएं पैर की चकरी टूट गई. वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े. बाद में आनन-फानन में इलाज के लिए नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने पैर टूटने की पुष्टि की और उनका इलाज किया.

इस घटना के बाद पीड़ित ने मध निषेध न्यायालय में आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत की. मामले में धारा 323, 325, 327, 341. 352, 500, 504 व 30ए के तहत शिकायत दर्ज की गई है.

अवधेश सिंह द्वारा की गई शिकायत पर उत्पाद अधिनियम के विशेष जज ब्रजमोहन सिंह ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की.
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इसके बाद ब्रजमोहन सिंह की कोर्ट ने आरोपी एएसपी ओमप्रकाश सिंह पर छतौनी थाना में प्राथमिकी का निर्देश दिया.

कोर्ट में अवधेश सिंह के वकील संतोष कुमार ने कहा है कि वह दो बार कोटवा प्रखंड के प्रमुख रह चुके हैं. जसौली पंचायत से उनकी पत्नी मीरा देवी ने मुखिया पद पर चुनाव लड़ा था, जिसमें वह निर्वाचित भी हुई हैं. मुखिया के मतगणना के दौरान वह इलेक्शन एजेंट थे.

अवधेश सिंह ने ई-मेल के जरिए अधिकारियों को भेजा आवेदन

बता दें कि इस घटना को लेकर पीड़ित अवधेश सिंह ने बिहार के डीजीपी एसके सिंघल और जिले के तमाम सीनियर पुलिस अधिकारियों को डाक और ईमेल के जरिए आवेदन भेजा है. उन्होंने अपने साथ हुई घटना का पूरा विवरण दिया है.

उन्होंने बताया कि उनके भाई 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वह फिलहाल आईजी के पद पर तैनात हैं. राजधानी पटना में वह सीबीआई के डीआईजी पद पर भी तैनात थे.

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