जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 16 अक्टूबर को आतंकियों ने दो मजदूरों पर गोली चला दी. बिहार के बांका के रहने वाले अरविंद कुमार साह और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले सगीर अहमद की मौत हो गई है. अरविंद कुमार की मौत से बिहार में उनके गांव में मातम छा गया है. कमाई के लिए बिहार से कश्मीर के श्रीनगर गया अरविंद वहां गोलगप्पे बेचता था.
लोगों को जब अरविंद की मौत की सूचना मिली तो पूरा गांव गमगीन हो गया. पिता देवेंद्र साह, माता सुनैना देवी, भाई डबलू साह, मंटू साह, मुकेश साह सहित अन्य परिजनों की चीत्कार से पूरा गांव गूंज उठा.
अरविंद कुमार पिछले आठ सालों से जम्मू में रह रहा था. वो वहां चाट और गोलगप्पे की दुकान चलाता था. लॉकडाउन के कारण वो घर आ गया था और तीन महीने पहले ही वापस जम्मू गया था. पांच में से दो भाइयों की पहले ही मौत हो चुकी है.
फोन पर मिली बेटे की मौत की खबर
अरविंद कुमार के पिता देवेंद्र साह ने रोते हुए बताया कि वो वहां से कमा कर पैसे घर भेजा करते था, जिससे परिवार का खर्च चलता था. ग्रामीणों ने बताया कि अरविंद इस परिवार को इकलौता सदस्य था, जो जम्मू में रहकर कमाता था.
परिवार को अरविंद की मौत की खबर उसके साथ रह रहे लोगों से मिली. 16 अक्टूबर की शाम करीब छह बजे गांव के ही युवक चंदन साह का उसके पिता को फोन आया कि अरविंद को गोली लगी है, और उसे अस्पताल ले जाया गया है. कुछ देर बार उसकी मौत की खबर दी गई.
पिता की मांग- "भारत-पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच रद्द करे सरकार"
अरविंद के पिता ने सरकार से मांग की है कि बेटे को नौकरी दी जाए, ताकि घर का खर्च चला सके. रोते हुए देवेंद्र साह ने कहा, "सरकार 50 लाख मुआवजा दे. हम कमा नहीं सकते हैं, परिवार को क्या खिलाएंगे? पांच-छह महीने पहले कोरोना में बड़े लड़के की भी मौत हो गई."
उन्होंने मांग जल्द शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की भी मांग की.
'आतंकियों के खिलाफ हो कठोर कार्रवाई'
मृतक के भाई ने बताया कि गांव के करीब 300 लोग जम्मू-कश्मीर में रहते है और रोजगार करते है. हालिया घटनाओं के बाद लोगों में दहशत है. उन्होंने सरकार से मांग कि है कि आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
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