पिछली परीक्षाओं में नकल के लिए बदनामी झेलने वाले बिहार बोर्ड ने इस बार की परीक्षा के लिए छात्रों को अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने मैट्रिक परीक्षा में परीक्षार्थियों के जूता-मोजा पहनकर आने पर रोक लगा दी है. बोर्ड ने कहा है कि परीक्षार्थियों परीक्षा में जूता-मोजा पहनकर न आएं. बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश मिलेगा, जो चप्पल पहनकर आएंगे.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित मैट्रिक (10वीं) की परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार से शुरू हो गई. इस परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 1,426 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.
परीक्षा में जूते-मोजे पहनकर आने पर पाबंदी
परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बुधवार को बताया कि परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई है.
इस साल परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. परीक्षार्थियों को चप्पल पहनकर ही आना होगा. इसके लिए संबंधित जिले के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. अगर कोई परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर आएगा तो उससे परीक्षा हॉल के बाहर ही जूता-मोजा उतरवा लिया जाएगा.बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर
किशोर ने कहा, 'परीक्षा हॉल में परीक्षार्थी को सिर्फ एडमिट कॉर्ड और पेन, पेंसिल ही ले जाने की अनुमति होगी. एंट्री गेट पर ही सभी परीक्षार्थियों की गहन जांच की जाएगी.
परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में इस बार 17 लाख 70 हजार 42 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. हर रोज दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. सभी परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. विद्यालय परीक्षा समिति के अलावा सभी जिले में नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रहेगा.
केंद्र के भीतर मोबाइल, ब्लू टूथ, कैलकुलेटर सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रनिक डिवाइस लाना वर्जित है. सभी केंद्राधीक्षकों को भी बिना कैमरे का फोन दिया गया है. सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. परीक्षा हॉल के अंदर और बाहर वीडियोग्राफी कराई जा रही है.
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