"मम्मी हमको घर ले चलिए नहीं, हम अस्पताल में मर जाएंगे. टीकी वाला कंपॉडरवा (कंपाउन्डर) हमको कहीं-कहीं छूता है." बिहार के गया जिले के रौशनगंज थाने की रहने वाली फुलवा का आरोप है कि उनकी बहू के साथ अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म हुआ.
फुलवा का आरोप है कि उनकी बहू को कोरोना वॉर्ड में भर्ती किया गया था. इसी दौरान उसके साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई. जिसके कुछ दिन बाद उनकी बहू की मौत हो गई.
फिलहाल इस मामले में अस्पताल के वॉर्ड अटेंडेंट शिव शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. जब पुलिस ने जांच के लिए मरने वाली महिला की सास को आरोपी के पहचान के लिए बुलाया था तब उन्होंने वॉर्ड अटेंडेंट को पहचान लिया था.
लचर हेल्थ सिस्टम ने ली जान?
दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बीच महिला अपने पति के साथ लुधियाना से 25 मार्च को बिहार लौटी थी. महिला की सास फुलवा देवी ने क्विंट को बताया कि वो जब लुधियाना में थी तब दो महीने की गर्भवती थी, लेकिन लुधियाना में ही उसकी तबीयत खराब हो गई.
फुलवा बताती हैं कि उनका बेटा लुधियाना में साइकिल पेन्ट करने का काम करता है. बहू दो महीने की गर्भवती थीं. कमर दर्द की दवाई लगातार लेने के चलते उन्हें लुधियाना के कई अस्पतालों में दिखाया गया था. लेकिन वहां तबीयत में सुधार नहीं हुआ.
उसका गर्भपात वहां हुआ था, जिस वजह से उसे ब्लीडिंग हो रही थी. किसी तरह वहां सरकारी अस्पताल ने पानी चढ़ाकर छोड़ दिया. जब तबीयत नहीं सुधरी तो मेरे बड़े बेटे धर्मेन्द्र ने घर आने का फैसला किया. किसी तरह 40 हजार देकर एम्बुलेंस किया. फिर बहू, बेटा और डेढ़ साल का पोता लॉकडाउन के बीच में घर पहुंचे. फिर गया के शेरघाटी के सरकारी अस्पताल ले गए लेकिन वहां इलाज नहीं हुआ. 27 मार्च को जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो मेडिकल अस्पताल ले गए.”फुलवा देवी, मृतक महिला की सास
“मगध अस्पताल में फिर सब तबाह हो गया”
फुलवा बताती हैं, “मगध अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया. लेकिन इन लोगों ने मेरी बहू को अकेले कोरोना वॉर्ड में रख दिया. उस हैवान ने मेरी बीमार बहू को नहीं छोड़ा. उसका एक डेढ़ साल का बच्चा है.”
मगध अस्पताल के कोरोना वॉर्ड के नोडल अफसर एनके पासवान बताते हैं,
“27 को महिला की तबीयत और लगातार हो रही ब्लीडिंग को देखते हुए मेडिसिन वॉर्ड में एडमिट कर दिया गया. लेकिन 30 मार्च को उसने गले में तकलीफ की शिकायत की, जब वहां डॉक्टरों को पता चला कि महिला की ट्रैवेल हिस्ट्री है, तो फिर उसे कोरोना वॉर्ड के लेवल वन पर भेजा गया. जहां कोरोना संदिग्ध मरीज रहते हैं, वहां उनका स्वाब टेस्टिंग हुआ. और 31 मार्च को कोरोना टेस्टिंग का रिपोर्ट निगेटिव आया. फिर थोड़ी सुधार के बाद उसे होम क्वॉरंटीन में भेज दिया गया. अब उसकी मौत कब हुई, इसकी जानकारी अस्पताल को नहीं थी.
“कोरोना के आइसोलेशन वॉर्ड में हुआ दुष्कर्म”
फुलवा बताती हैं,
“आइसोलेशन वार्ड में रात में जब वो अकेली थी. तब एक कंपाउंडर ने उसके साथ दुष्कर्म किया. हम जब बहू का कपड़ा बदलने गए तो देखा कि उसके कपड़े में खून लगा था. बहू ने मुझे बताया कि एक टीकी वाला कंपाउंडर आकर छाती पर छूता है. गलत तरह से सटता है. किसी दवा से मुझे बेहोश कर दिया था. हमको ले चलो मां. हम ये सब बात वहां मौजूद गार्ड को भी बताए, लेकिन गार्ड ने कहा कि इससे तुम्हारी इज्जत ही जाएगी. छोड़ो चुप रहो, लेकिन एक अप्रैल को बिना कुछ बताए बिना दवा दिए हम लोगों को कहा गया कि अब जा सकते हैं. 6 तारीख को मेरी बहु की मौत हो गई.”
महिला की मौत के बाद 6 अप्रैल को ही उसके परिवार ने अंतिम संसकार कर दिया. ये मामला तब बाहर आया जब लोकल मीडिया ने कोरोना वार्ड से जुड़ा मामला होने की वजह से रिपोर्ट किया. फिर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जांच आगे बढ़ाई.
अस्पताल का आरोपों से इंकार
वहीं मगध मेडिकल कॉलेज के सुप्रीटेंडेट डॉक्टर विजय कृष्ण प्रसाद ने क्विंट से फोन पर बात करते हुए कहा कि कोरोना वॉर्ड में कई मरीज थे, महिला के परिवार ने जो आरोप लगाया हैं, वो गलत हैं.
वो महिला वहां अकेली थी ही नहीं, वहां 6-7 और मरीज थे, तो कोई दुष्कर्म कैसे करेगा. लेकिन फिर भी हम जांच कर रहे हैं.
रेप का मामला दर्ज नहीं हुआ
मेडिकल थाना के एसएचओ फहीम आजाद खान ने बताया कि मृतक महिला के परिवार से हम लोगों ने संपर्क किया. जिसके बाद महिला की सास ने दुष्कर्म का आरोप लगा उनपर कड़ी कार्रवाई की मांग की. हालांकि केस छेड़छाड़ का दर्ज हुआ है.
जब क्विंट ने गया के सिटी एसपी से संपर्क किया तो उन्होंने ये कहते हुए बात करने से इंकार कर दिया कि हम सिर्फ प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया से ही बात करेंगे. हालांकि एसएचओ के मुताबिक शनिवार की रात आरोपी वॉर्ड अटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही और जो भी लापरवाही हुई है उसकी भी जांच हो रही है. वहीं अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि इस मामले की अस्पताल के स्तर भी जांच चल रही है. जांच में जिन लोगों की लापरवाही सामने आएगी सब पर कार्रवाई होगी.
एक सवाल जरूरी है कि परिवार ने लोक लिहाज या फिर किस कारण से महिला का बिना जांच अंतिम संस्कार कर दिया.
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