बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. तीन बार बिहार के सीएम रहे मिश्रा के निधन पर शोक की लहर है. सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में तीन के दिन राजकीय शोक का ऐलान किया है . मिश्रा कैंसर से पीड़ित थे और दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था जहां सोमवार को सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.
तीन बार सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा
जगन्नाथ मिश्रा एक वक्त में बिहार में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे और उनके राजनीतिक कौशल की वजह से उन्हें चाणक्य कहा जाता था. जगन्नाथ मिश्रा तीन बार कांग्रेस में रहते हुए बिहार के सीएम बने थे. पहली बार 1975 में मुख्यमंत्री बने मिश्रा अप्रैल 1977 तक इस पद पर रहे. फिर 1980 उन्होंने तीन साल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. 1989 में मिश्रा तीन महीने के लिए सीएम बने थे. 90 के दशक में वह केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे. कुछ वक्त पहले वह जेडीयू में शामिल हो गए थे. बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले में लालू यादव के साथ वह भी आरोपी थे.
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया था. उन्हें चार साल की जेल और दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा हुई थी. हालांकि बाद मे उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था. लालू यादव इस मामले में अभी भी जेल में हैं.
अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर की थी करियर की शुरुआत
जगन्नाथ मिश्रा ने बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी. उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री थे.
जगन्नाथ मिश्रा ने बड़े भाई की शार्गिदी में ही राजनीति का पाठ पढ़ा. जगन्नाथ मिश्रा कुछ समय तक खुद बिहार में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे. बाद में वह एनसीपी में चले गए और फिर जेडी(यू) में शामिल हो गए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरा शोक जताया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मिश्रा के निधन पर पर दुख जताते हुए कहा कि उन्हों कमजोर तबकों की आवाज उठाई और लंबे समय तक उन्हें याद किया जाएगा.
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री, केंद्र में मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए जगन्नाथ मिश्र कई मौकों पर समाज के वंचित लोगों और हाशिये पर मौजूद वर्गों के लिए खड़े हुए. वह लंबे समय तक याद किए जाएंगे.’’ उनके निधन पर बिहार में तीन दिन का राजकीय शोक होगा. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से करने का ऐलान किया गया है.
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