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जहरीली शराब से 50 की मौत,विधानसभा में हंगामा,तेजस्वी के भाषण के दौरान चली कुर्सी

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया.

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बिहार के सारण (छपरा) में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जहरीली शराब पीने से मंगलवार की रात को शुरू हुआ मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ताजा जानकारी के मुताबिक अबतक करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है.

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मरने वालों में सारण जिला के मशरख, इसुआपुर, मढ़ौरा, और अमनौर प्रखंड के रहने वाले शामिल हैं. वहीं, 18 लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पटना के पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है.

सरकारी आंकड़े अलग कहानी बता रहे

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अभी तक कुल 26 लोगों की मौत की पुष्टि सारन जिला के जिला अधिकारी राजेश मीणा ने की है. गुरुवार को सारण जिला शराब कांड में डीएम सारण और एसपी सारण ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके प्रशासनिक स्थिति और आंकड़ों को सामने रखा था. डीएम सारण राजेश मीणा ने बताया कि सदर अस्पताल छपरा में कुल 17 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है और नौ और शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है यानी कुल 26 शवो का पोस्टमॉर्टम करने की जानकारी डीएम सारण ने दिया है.

पुलिसकर्मी सस्पेंड

डीएम सारण ने बताया कि शराब कांड में एसडीपीओ मढ़ौरा अनुमंडल इंद्रजीत बैठा की लापरवाही सामने आई है और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ उनके स्थानांतरण की अनुशंसा की गई है. जबकि मशरख थानाध्यक्ष रितेश कुमार मिश्रा और चौकीदार विकेश तिवारी को कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

एसपी सारण संतोष कुमार ने बताया कि इस मामले से जुड़े चार संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है और इसुआपुर और मशरख थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. एसआईटी का गठन कर मामले के की जिम्मेवारी एएसपी सह एसडीपीओ सोनपुर अंजनी कुमार को सौंपी गई है. एसआईटी में 03 पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी और 31 पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है.

विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार

जहरीली शराब से मौतों की खबर के बाद से विधानसभा में विपक्ष के निशाने पर नीतीश कुमार की सरकार है. नेता विरोधी दल बिहार विधानसभा विजय कुमार सिन्हा ने कहा है,

"सरकार का जो आंकड़ा छपरा में मृतकों की मौत का आ रहा है वो सही नहीं है. छपरा में मृतकों के परिवार से हम कल जाकर वहां मिले हैं. मृतकों को बिना पोस्टमार्टम कराए ही जला दिया गए है, यह काम प्रशासन करवा रहा है. पुलिस की मिलीभगत से वहां पर शराब का धंधा चल रहा था. तेजस्वी प्रसाद यादव और नीतीश कुमार अपने-अपने फायदे के कारण सत्ता में एक साथ हैं. पीने वाले सभी गरीब को जेल से बाहर निकालें सरकार. जो लोग मरे हैं उनको 10 लाख रुपया मुआवजा दें. बिहार में यह घटना जो हुई है यह मौत नहीं नरसंहार है. हम राज्यपाल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगे."

तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता ने उठाई कुर्सी

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. लगातार तीसरे दिन जहरीली शराब के मुद्दे पर बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे. तब ही बिहार विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के नेता को हाथ में कुर्सी उठाते हुए देखे गए. ये सब कुछ विधानसभा के लाइव प्रसारण में देखा जा सकता है.

स्थिति गंभीर होते देख स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया.

नीतीश कुमार बोले- जो पीएगा, वो मरेगा

बता दें कि विधानसभा में लगातार तीसरे दिन भी शराब पीने की वजह से हुई मौत के मामले पर जमकर हंगामा हुआ. यहां तक कि विधायकों ने कुर्सियां पटकीं. विपक्षी पार्टी बीजेपी राजभवन जाकर राज्यपाल से नीतीश कुमार की सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने की बात कह रही है.

वहीं जहां एक तरफ सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि "जो पीएगा, वह तो मरेगा ही". तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी को निशाने पर लेते हुए दावा किया था कि नकली शराब से होने वाली मौतों के मामले में बीजेपी शासित राज्यों का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे खराब है.

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