बिहार (Bihar) में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले के औराई थाना क्षेत्र के भरथुआ गांव में देर रात दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें कई लोगों के घर जलने की घटना सामने आ रही है. घर में भीषण आग लगने से एक 12 साल की बच्ची जिंदा जल गई और उसकी मौत हो गई. इसके अलावा एक बच्ची आंशिक रूप से जल गई. इस घटना में आठ घर जलकर राख हो गए हैं और पांच मवेशियों की भी जलने से मौत हो गयी. गांववालों ने आरोप लगाया कि पुलिस समय रहते नहीं पहुंची.
ग्रामीणों ने कहा कि आग लगने की घटना के बाद स्थानीय थाना को सूचना दी गयी लेकिन रात से सुबह हो गई. कोई सुध लेने नहीं आया है.
बेदौल ओपी से कुछ पुलिस वाले पहुंचे थे लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी समय से नहीं पहुंची और ग्रामीणों ने खुद ही आग पर काबू पाने की कोशिश की. इस घटना में करीब 10 लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान बताया जा रहा है. मृत बच्ची की पहचान विमल साह की बेटी रुकमणी कुमारी (12) के रूप में हुई है.
चूल्हे से निकली थी चिंगारी
स्थानीय निवासी प्रभु शंकर गुप्ता ने बताया कि रात को खाना बनाने के बाद आग को बुझा दिया गया था लेकिन, कुछ देर बाद इसमें से एक चिंगारी निकली. घर फूस के बने हुए थे और हवा काफी तेज थी, जिससे देखते-देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और घर धू-धू कर घर जलने लगा.
विमल साह का परिवार किसी तरह बाहर निकला लेकिन, उनकी बच्ची अंदर ही फंस गई. शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और आग में फंसी बच्ची को बचाने का प्रयास किया लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका और देखते-देखते वह मासूम जिंदा जल गई.
चीखते-चीखते बच्ची ने तोड़ा दम
पीड़ित शिला देवी ने बताया कि रात को अचानक आग लगी तो उठकर बाहर भागी. शोर मचाकर मदद के लिए पुकारने लगी, तभी याद आया कि उनकी बेटी रुकमणी अंदर ही है. वह दौड़कर आंगन में गई. बेटी को आवाज लगाने लगी लेकिन. आग की लपटें इतनी तेज थी कि उन्हें जलन महसूस होने लगी और उनको बाहर भागना पड़ा.
आस-पास के लोगों के इकट्ठा होने के बाद बताया कि बेटी अंदर ही फंसी हुई है. आग की लपटें देखकर किसी की अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई. कुछ देर बाद रुकमणी की चीख शांत हो गई. जब आग बुझ गई तो देखा कि उसकी लाश पड़ी है.
आग में जले कैश और जेवरात
शिला ने बताया कि बेटे की शादी करने वाली थी और जेवरात, कीमती कपड़ों के साथ एक लाख रुपए कैश जमा कर रखे थे, सब कुछ आग में जलकर राख हो गया. वहीं अन्य लोगों में विनोद साह, जतन साह और राजकुमार साह समेत अन्य लोगों का घर भी जलकर राख हो गया. ये सभी लोग मेहनत मजदूरी करने वाले परिवार हैं. अब इनके सिर पर न छत है और न तन ढंकने के लिए कपड़े हैं.
पीड़ित परिवार में आक्रोश
घटना होने के बाद पीड़ित परिवारों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. वे कहते हैं कि अब तक कोई भी उन लोगों की सुध लेने नहीं आया है. गांव से कोई जनप्रीतिनिधि भी हाल चाल पूछने अब तक नहीं आया है. हम लोग कहां रहेंगे, क्या खाएंगे...इसकी चिंता किसी को नहीं है. प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आया है.
बता दें कि घटना में पीड़ित परिवार मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
(इनपुट क्रेडिट- महिप राज)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)