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मां के ‘कफन’ से खेलता बच्चा!पुलिस ने कहा- बीमार थी,परिवार का इनकार

बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से एक रूह कंपा देने वाला वीडियो सामने आया है.

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बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से एक बेहद मार्मिक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक मासूम कभी अपनी मृतक मां पर रखी चादर को खींचता है, कभी उसमें खुद को छिपाने की कोशिश करता है तो कभी फिर से मां को चादर से ढक देता है. पास में खड़ा एक और बच्चा पानी की बोतल हाथ में लिए हुए है. वहीं औरत का शव रेलवे स्टेशन की जमीन पर पड़ा है. अब सोशल मीडिया पर ये वीडियो अलग-अलग 'कहानियों' के साथ शेयर किया जा रहा है कोई मौत का कारण भूख तो कोई बीमारी बता रहा है. ऐसे में वीडियो की सच्चाई जानते हैं.

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अहमदाबाद से कटिहार जा रही थी महिला

मृतक महिला का नाम अरबीना खातून (35) है. वो गुजरात के अहमदाबाद से अपने घर कटिहार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने घर जा रही थी. अहमदाबाद में मजदूरी करने वाली अरबीना भी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं. काम नहीं था, इसलिए दो बच्चों अरमान और रहमत के साथ अपने घर बिहार लौटने का फैसला किया. लेकिन पहुंच नहीं सकीं.

बिहार वापस आते वक्त अरबीना के साथ उनकी बहन कोहिनूर और बहनोई वजीर भी साथ थे. अरबीना की बहन कोहिनूर बताती हैं,

“हम लोग 23 मई को अहमदाबाद से चले थे और 25 मई को मुजफ्फरपुर पहुंचने से पहले ही अरबीना की तबीयत बिगड़ गई. रास्ते में अरबीना को बहुत गर्मी लग रहा था, वो कुछ खा नहीं रही थी, सिर्फ पानी पी रही थी, लेकिन पानी बहुत गर्म था. गर्मी से उसकी तबीयत बिगड़ती गई. उसको हम ट्रेन में पानी भी बदन पर डाले ताकि थोड़ी राहत मिले, लेकिन रास्ते में दम टूट गया.”

पुलिस ने कहा-पहले से बीमार थी, लेकिन परिवार का इनकार

वायरल वीडियो को विपक्ष समेत कई पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ता शेयर कर रहे हैं, रेलवे ने जवाब में कहा है कि अरबीना पहले से बीमार थी. इंडियन रेलवे के प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “उपरोक्त महिला के पहले से ही बीमार होने की पुष्टि उनके परिवार ने की है, जो 23 मई 2020 को अहमदाबाद से कटिहार के लिए ट्रेन में चढ़ी थी और 25 मई 2020 को इनके देहांत हो जाने पर मुज्जफरपुर स्टेशन पर उनके परिवार द्वारा उतार लिया गया था. आग्रह है कि इस तरह गलत खबरों को ना फैलाए.

लेकिन जब क्विंट ने अरबीना के साथ सफर कर रहे उनकी बहन के पति से बात की तो उन्होंने बीमारी की बात से साफ इंकार कर दिया. वजीर ने कहा,

“8 महीने से अहमदाबाद में काम कर रही थी, तब बीमार नहीं हुई, हम लोग साथ रहते हैं, तब हमें बीमारी का पता नहीं है, फिर रेलवे वाले को कैसे पता चला? वो बीमार नहीं थी, ट्रेन में इतनी गर्मी थी कि कोई भी मर सकता था.”

रेलवे पुलिस ने महिला को बताया मानसिक रूप से बीमार

मुजफ्फरपुर प्रशासन के मुताबिक जैसे ही इस पूरे घटना की जानकारी मिली तो तुरंत ही पुलिस और जीआरपी मौके पर पहुंची और महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

जीआरपी के डिप्टी एसपी रमाकांत उपाध्याय ने क्विंट से बात करते हुए अरबीना को मानसिक रूप से बीमार होने की बात तक कह दी. उन्होंने कहा, 'वो तो बीमार थी, यहां (मुजफ्फरपुर) पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी.’

जब हमने डिप्टी एसपी रमाकांत से पूछा कि क्या बीमारी थी, तो उन्होंने महिला को दिमागी तौर से बीमार बता दिया. उन्होंने कहा, “विचित्र टाइप की थी, उसके जीजा ने बताया है कि उसका एक साल से इलाज चल रहा था. रास्ते में 12 या 12.30 के करीब उसकी मौत हुई और 3 बजे वो मुजफ्फरपुर पहुंची.”

परिवार का साफ कहना है कि वो बीमार नहीं थी. साथ ही परिवार का ये भी आरोप है कि उसका पोस्टमॉर्टम भी नहीं हुआ है. जीजा वजीर ने बताया कि बिना पोस्टमार्टम के पुलिस ने एंबुलेंस से उन लोगों को कटिहार भेज दिया गया.

“बच्चों के लिए कर रही थी मजदूरी, अब क्या होगा?”

अरबीना की बहन कहती हैं,

“पहले ही इन बच्चों को पिता छोड़कर चला गया अब मां भी इस दुनिया में नहीं है. बच्चों के लिए इतने दूर जाकर मजदूरी कर रही थी, ताकि बच्चे की जिंदगी बदले. हम लोग बहुत गरीब हैं. अब पता नहीं कैसे बच्चों की जिंदगी गुजरेगी.”

अब भले ही पुलिस बीमार बताए या फिर गर्मी की वजह से मौत हुई हो लेकिन असल में उन मासूम बच्चों को पता ही नहीं है कि उसकी मां इस दुनिया में नहीं है और वो जिस चादर से खेल रहा है वो उसकी मां का कफन है, उसे वह जितना भी हटाए, मां नहीं उठेगी.

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