बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किये गए बड़े-बड़े दावों की पोल खुलती दिख रही है. दरअसल, सहरसा में सरकारी अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही की बात सामने आई है. सहरसा के सदर अस्पताल में बिजली ना होने के कारण टॉर्च की रोशनी में घायल मरीज का ऑपरेशन किया गया.
ऑपरेशन की टेबल पर पड़े मरीज के ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी, तभी बिजली चली गई. जिसके बाद डॉक्टरों ने टॉर्च की लाइट में महिला का ऑपरेशन किया.
यही नहीं ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर के साथ मरीज के परिवार वाले भी मौजूद थे, जो रोशनी के लिए टॉर्च दिखा रहे थे. इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर में एक शख्स और मौजूद था जो अपने मोबाइल से पूरे ऑपरेशन का वीडियो बना रहा था.
अस्पताल में बिजली के लिए कोई और सुविधा नहीं
बताया जा रहा है कि सड़क दुर्घटना में घायल महिला को सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया. तब ही ऑपरेशन के वक्त अस्पताल में बिजली चली गई. लेकिन अस्पताल में बिजली की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी.
वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो अस्पताल में बिजली तो गायब थी ही, साथ-साथ डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे. ऐसे में एक सफाई कर्मचारी ने टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किया. अस्पताल के सिविल सर्जन से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वो पटना गए हुए हैं.
फिलहाल इस मामले में सरकार या अस्पताल की तरफ से कोई बयान नहीं आया है, न ही किसी तरह की कार्रवाई की कोई बात सामने आई है.
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भी इस तरह की घटना सामने आई थी, जहां टॉर्च की रोशनी में 30 से ज्यादा मरीजों के आंखों का ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया था.
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