बिहार (Bihar) पुलिस ने दावा किया है पटना में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. पटना पुलिस ने दो शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है और दूसरा पटना के गांधी में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का भाई है.
पटना पुलिस के मुताबिक ये दोनों मार्शल आर्ट की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग दे रहे थे. पुलिस ने दावा किया है कि इनके पास से कुछ जो दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहे थे.
पकड़े गए दोनों शख्स की पहचान झारखंड पुलिस के रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा अतहर परवेज के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया है कि दोनों के संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से है.
पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले पुलिस ने पकड़ा
बता दें कि 12 जुलाई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर थे, इससे पहले पुलिस ने इस तरह के कथित आतंकी मॉड्यूल को पकड़ने की बात कही है.
पटना एसएसपी से न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा,
"हम रूटीन काम के दौरान ऐसे संस्थानों (पीएफआई) पर नजर रखते हैं. पीएम के आते ही हम अलर्ट पर थे. हमें इसकी जानकारी मिली और बारीकी से जांच शुरू की. 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से 3 गिरफ्तार को गिरफ्तार किया गया है. पीएम को लेकर कोई सीधा खतरा नहीं है. आगे की जांच जारी है."
जेएस गंगवार, एडीजी बिहार ने बताया कि पोस्टर और बैनर, पीएफआई दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. मामले में अन्य को भी गिरफ्तार किया जाना है. हम अपनी जांच के अनुसार सभी आयामों पर काम करेंगे.
पटना के फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो को गिरफ्तार किया गया. पिछले 2 महीने से आरोपी के पास दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे. आने वाले लोग टिकट बुक करते समय और होटलों में ठहरते समय नाम बदल रहे थे.
एएसपी ने ये भी दावा किया कि 'इंडिया विजन 2047' शीर्षक से साझा किए गए 8-पेज का दस्तावेज मिला है जिसमें लिखा है कि 'पीएफआई को विश्वास है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10% इसके पीछे रैली करता है, तो भी पीएफआई कायर बहुसंख्यक समुदाय को वश में कर लेगा और गौरव वापस लाएगा.'
एएसपी का कहना है कि 6-7 जुलाई को स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया गया. उन्होंने दूसरों को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाह भी हैं. परवेज ने भी लाखों में चंदा जुटाया, इसके लिए ईडी को भी शामिल किया जा रहा है.
बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो को सूचना मिली थी कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक संभावित आतंकी मॉड्यूल सक्रिय है, जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने 11 जुलाई को नया टोला इलाके में छापेमारी कर दोनों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया.
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