बिहार के सीतामढ़ी में 20 अक्टूबर को दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस दिन दुर्गापूजा के मौके पर एक खास इलाके से जुलूस निकालने पर दो ग्रुप के बीच जमकर हिंसक झड़प हुई थी. इस हिंसा में एक शख्स की जान चली गई थी.
भीड़ ने पीड़ित के शरीर को खुलेआम जला दिया था. हालांकि इस घटना को मीडिया में तब ज्यादा कवरेज नहीं मिली.
क्या है पूरा मामला?
20 अक्टूबर को लोग दुर्गापूजा का उत्सव मना रहे थे. ये पूरी घटना तब हुई, जब पूजा करने वालों का जुलूस सीतामढ़ी में मुस्लिम बहुल इलाके से निकला. स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जुलूस को इस इलाके से न निकालने की पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी. लेकिन फिर भी इलाके से जुलूस निकाला गया. नतीजतन दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी.
लोगों के ग्रुप ने 80 साल के जैनुल अंसारी को अपना टारगेट बनाया, जो कथित रूप से अपनी बेटी के घर से लौट रहे थे. भीड़ ने अंसारी को पकड़ लिया और जमकर पीटा. इसके बाद फिर उन्हें जिंदा जला दिया.
पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के दो दिन बाद जैनुल अंसारी की जली हुई बॉडी की पहचान की थी. घटना के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों के चलते इंटरनेट संस्पेंड कर दिया गया था.
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