बिलकिस बानो (Bilkis Bano) केस में सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. मंगलवार, 9 फरवरी को एक सीनियर अधिकारी ने कहा, बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों के आत्मसमर्पण के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन जिस एरिया में वे रहते हैं, वहां शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.
"दोषियों से संपर्क नहीं हो रहा है और उनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे हैं. हमें कोई जानकारी नहीं है और हमें कोई आदेश की प्रति नहीं मिली है, लेकिन पूरे रणधीकपुर पुलिस थाना क्षेत्र में पुलिस तैनात है."बलराम मीना, पुलिस अधीक्षक, दाहोद
दोषी सिंगवाड तालुका के मूल निवासी हैं, जहां फैसला सुनाए जाने से पहले सोमवार (8 जनवरी) सुबह से ही पुलिस तैनात थी. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखें और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सांप्रदायिक संघर्ष या दंगा न भड़के.
बिलकिस बानो मामला क्या है?
साल 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के बाद भागते समय 21 साल की और पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप किया गया था. उनकी तीन साल की बेटी और परिवार के छह अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात सरकार को अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए फटकार लगाते हुए दोषियों को दी गई सजा के छूट को रद्द कर दिया.
इसने उन सभी दोषियों को दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजने का आदेश दिया, जिन्हें 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा कर दिया गया था.
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