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Bilkis Bano गैंगरेप के दोषियों ने किया सरेंडर, SC ने 21 जनवरी तक का दिया था समय

Bilkis Bano: गुजरात सरकार ने 8 जनवरी को 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले दोषियों रिहा कर दिया था.

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भारत
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Bilkis Bano: रविवार, 21 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंग रेप मामले के सभी 11 दोषियों ने सरेंडर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा था. उन्होंने पंचमहल जिले की गोधरा जेल में सरेंडर किया. सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस से गैंगरेप के दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को पलट दिया था.

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स्थानीय क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर एनएल देसाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है."

सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को 21 जनवरी तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था. शुक्रवार को अदालत ने उन्हें और समय देने से इनकार कर दिया था.

दोषियों ने स्वास्थ्य समस्याओं, सर्जरी, परिवार में शादी और फसल के काम जैसे कारणों का हवाला दिया था और आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि आत्मसमर्पण को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए आवेदकों द्वारा बताए गए कारणों में कोई दम नहीं है.

11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं.

मामला क्या था?

बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों की दहशत से बचने की कोशिश करते समय उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.

दंगाइयों ने बिलकिस की मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया. इस दंगे में उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस दंगे में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे.

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