नए साल पर देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिल चुका है. नए सीडीएस का नाम है जनरल बिपिन रावत. मंगलवार को आर्मी चीफ के पद से रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत ने एक जनवरी 2019 को CDS के रूप में पदभार संभाला. इसी मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा फोकस तीनों सेनाओं को मिलाकर तीन नहीं बल्कि 5 या फिर 7 करने पर होगा.
जनरल बिपिन रावत को बुधवार को तीनों सेनाओं की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. साथ ही जनरल रावत ने नैशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
विपक्ष के आरोपों पर CDS का जवाब
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा,
हम राजनीति से हमेशा दूर रहते हैं. जो भी सरकार सत्ता में होती है हमें उनके आदेश के मुताबिक काम करना होता है.
बता दें कि जनरल बिपिन रावत ने NRC और नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि लीडर वो नहीं होते जो गलत दिशा में लीडरशिप करते हैं. उन्होंने कहा-
जैसा कि हम बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेज में देख रहे हैं, छात्र जिस तरह से आगजनी और हिंसा करने के लिए भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं, ये लीडरशिप नहीं होता है.’
जिसके बाद विपक्षी पार्टियां उनके इस बयान पर आपत्ति जताई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि कब से आर्मी चीफ आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने लगे. ये नागरिक-सैन्य संबंधों को कमजोर करता है.
“तीनों सेनाएं एक टीम”
कार्यभार संभालने के बाद बिपिन रावत ने कहा है कि तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी और एकजुट होकर दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करेंगी.वहीं पीओके को लेकर सवाल पूछे जाने पर जनरल रावत ने कहा कि जो भी प्लान बनाए जाते हैं, वह कभी पब्लिक में साझा नहीं किए जाते.
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