पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा (Birbhum violence) में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था. मृतकों में दो नव विवाहित दंपति भी शामिल हैं जो त्योहार मनाने अपने घर आया था.
मृतक नवविवाहिता दंपति की पहचान लिली खातून और काजी साजिदुर रहमान के रूप में हुई है. 18 साल की लिली खातून की 22 साल के साजिदुर रहमान से इसी साल जनवरी में बीरभूम के नानूर में शादी हुई थी.
जानकारी के मुताबिक लिली अपने पति के साथ बोगतुई शब-ए-बारात मनाने के लिए आई थी. लेकिन हिंसा के दौरान दोनों को परिवार के अन्य पांच लोगों को साथ जिंदा जला दिया गया.
साजिदुर रहमान के पिता काजी नूरुल जमाल ने द क्विंट को बताया कि आखिरी बार उन्होंने अपने बेटे से सोमवार दोपहर को बात की थी और उस वक्त सब कुछ बिल्कुल ठीक था.
उन्होंने आगे बताया कि, "आधी रात के आसपास रहमान ने घबराहट में अपने दोस्त मोहिम को फोन किया था और उसे तुरंत पुलिस को फोन करने के लिए कहा था ताकि उन्हें बचाया जा सके." इसके बाद उनकी कोई खबर नहीं मिली.
मोहिम की मां के बताने के बाद साजिदुर के पिता जमाल ने अगले दिन अपने बेटे को कई बार फोन करने की कोशिश की थी लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. बाद में उन्हें इस खबर के बारे में पता.
इस पूरी घटना से आहत जमाल ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उसका बेटा और बहू कभी वापस घर नहीं आएंगे.
जमाल ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. साथ ही अपने बेटे और बहू के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की भी मांग की है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में सोमवार, 21 मार्च की देर रात एक टीएमसी नेता की हत्या के कतिथ प्रतिशोध में कुछ घरों में आग लगा दी गयी, जिसमें बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई.
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