भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख जेपी नड्डा (JP Nadda) ने 25 जुलाई को कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'वो जो काम कर रहे हैं, वो सराहनीय है.' नड्डा ने कहा कि येदियुरप्पा अपने दम पर चीजों को संभाल रहे हैं. नड्डा का ये बयान अहम है क्योंकि येदियुरप्पा को 25 जुलाई के बाद सीएम पद से हटाए जाने की चर्चा थी. खुद सीएम ने भी इसके संकेत दिए थे.
नड्डा गोवा के पणजी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब दे रहे थे, तभी कर्नाटक BJP में उठ रहे दरार के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर स्पष्ट रूप से टिप्पणी किए बिना खंडन किया.
पिछले कई महीनों से येदियुरप्पा अपने गृह राज्य में BJP नेताओं के विरोध का सामना कर रहे हैं. अरविंद बल्लाड, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और सीपी योगेश्वर सहित कई विधायक खुले तौर पर मुख्यमंत्री की आलोचना करते रहे हैं. जुलाई के तीसरे सप्ताह में, बल्लाड ने राज्य सरकार पर उनके फोन टैप करने का भी आरोप लगाया है.
यहां तक कि खुद येदियुरप्पा ने अपने हटाए जाने के बारे में संकेत दिए थे. उनकी ओर से यह कहा गया है कि जो भी निर्णय आलाकमान द्वारा किया जाएगा, वो उसका पालन करेंगे.
कर्नाटक बीजेपी में उठापटक
कर्नाटक की राजनीति मे BJP नेताओं के बीच मची कुर्सी पाने की होड़ में कई नेताओं के नाम मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में सामने आ रहे हैं. उनमें से सबसे प्रमुख हुबली-धारवाड़ के विधायक अरविंद बेलाड, राज्य के खान और भूविज्ञान मंत्री मुरुगेश निरानी और राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई हैं. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, BJP के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि और बीएल संतोष सहित राज्य के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण का नाम भी दावेदारों की लंबी सूची में शामिल है.
हालांकि, कर्नाटक के लिंगायत समुदाय को एक प्रमुख वोट बैंक के रूप में देखा जाता है. येदियुरप्पा लिंगायत नेता माने जातें हैं, लिंगायत एक प्रमुख समुदाय है जिसमें 99 जातियां शामिल है. इस समुदाय ने रविवार को येदियुरप्पा का समर्थन करने के लिए बेंगलुरु में एक जनसभा की. 35 लिंगायत मठों के साधु सभा का हिस्सा थे. संतों की ओर से यह व्यक्त किया गया कि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की भूमिका से नहीं हटाया जाना चाहिए,
रविवार को येदियुरप्पा ने बेलगावी समेत कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया. 26 जुलाई को येदियुरप्पा की सरकार के शासन के दो साल पूरे होने की उम्मीद है.
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