हिमाचल प्रदेश के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री राजीव सैजल ने 7 जनवरी को विधानसभा सदन को बताया कि उनको मंदिर में घुसने नहीं दिया गया था क्यों कि वो दलित हैं. सैजल ने बताया कि उनको और उनके सहयोगी विधायक विनोद कुमार को मंदिर में घुसने नहीं दिया गया क्यों कि वो दलित हैं. हालांकि, मंत्री ने ये नहीं बताया कि ये किस मंदिर की घटना है.
मंत्री राजीव सैजल एससी-एसटी रिजर्वेशन की मियाद 10 साल बढ़ाए जाने वाले बिल पर बोल रहे थे. तभी उन्होंने दलित होने की वजह से मंदिर में प्रवेश न दिए जाने वाली बात कही.
इसके पहले किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने बताया कि प्रदेश के कई इलाकों के मंदिरों में दलितों को प्रवेश नहीं दिया जाता है. इसके बाद मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि वो कांग्रेस विधायक की बात से सहमत हैं कि दलितों को मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता है.
मंत्री सैजल ने सिखों को गुरुओं का जिक्र करते हुए लंगर व्यवस्था की तारीफ की और कहा कि ये जाति व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश है.
इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर इस खबर पर जमकर चर्चा हुई. पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा-
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में BJP सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल ही जब मंदिरों में नहीं जा पा रहे हैं तो बाकियों को कैसे प्रवेश दिलाएंगे. इसे देखते हुए आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष अशोक भारती ये ट्रैंड चला रहे हैं.दिलीप मंडल, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट
पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हंसराज मीना ने ट्विटर पर लिखा-
हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा है कि दलितों को राज्य में कही स्थानों पर मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. यहाँ तक अब उनको भी रोका गया है। दलित बुद्विजीवी इस बात को लेकर मंदिर नहीं जाएंगे प्रण कर रहें हैं. हमारा भी समर्थन हैं.हंसराज मीणा
अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष ने लिखा- ‘क्या देश में स्कूलों से अधिक मंदिरों के निर्माण से ग़रीबी, अज्ञानता, अशिक्षा और लाचारी दूर हुई’
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