बीजेपी पर एक ऐसी कंपनी से चंदा लेने के आरोप लग रहे हैं, जिस पर ‘टेरर फंडिंग’ के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है. पार्टी पर ये आरोप न्यूज वेबसाइट द वायर की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद लग रहे हैं.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी ने चुनाव आयोग को जो वित्तीय जानकारी दी है, उसके मुताबिक आरकेडब्ल्यू डिवेलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 2014-2015 में पार्टी को 10 करोड़ रुपये का चंदा दिया था.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी और 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची से संपत्ति खरीदने और उसके साथ लेनदेन करने के आरोप में इस कंपनी पर ईडी की जांच चल रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, बीजेपी नियमित तौर पर कई चुनावी ट्रस्टों से बड़ा चंदा लेती रही है. ये ट्रस्ट कई कॉरपोरेट घरानों से जुड़े हुए हैं. किसी भी अन्य कंपनी ने बीजेपी को इतनी धनराशि नहीं दी है, जितनी आरकेडब्ल्यू ने दी है.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब देश में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चर्चा तेज है. अगर मोदी सरकार 2014-15 में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना लेकर आ जाती, तो शायद आरकेडब्ल्यू से बीजेपी को मिले चंदे की बात कभी सामने नहीं आ पाती.
कंपनी के पूर्व निदेशक रंजीत बिंद्रा को ईडी ने अंडरवर्ल्ड की ओर से कथित तौर पर कई सौदे करने के लिए गिरफ्तार किया था. कई न्यूज रिपोर्ट्स में बिंद्रा को मिर्ची और फर्म्स के बीच दलाल भी बताया गया था.
हालांकि, बीजेपी को मिले चंदे का विवाद महज आरकेडब्ल्यू तक ही सीमित नहीं है. ईडी ने इकबाल मिर्ची की संपत्तियां खरीदने के लिए सनब्लिंक रियल एस्टेट नाम की एक और कंपनी को आरोपी ठहराया है. सनब्लिंक रियल एस्टेट साझा डायरेक्टरशिप के जरिए एक अन्य कंपनी से जुड़ी है, जिसने बीजेपी को दो करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
कांग्रेस ने बीजेपी से पूछा- क्या ये देशद्रोह नहीं?
द वायर की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा है, ''चंदा लेने में बीजेपी का कमाल- करोड़ों का चंदा एक ऐसी कंपनी से लिया जिस पर दाऊद इब्राहिम के साथी आतंकी इकबाल मिर्ची की संपत्ति की खरीद-बेच की सांठ-गांठ का इल्जाम है. क्या यही है झूठा ‘राष्ट्रवाद’.''
सुरजेवाला ने इस मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा है कि क्या यह देशद्रोह नहीं है.
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