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कांग्रेस की अपील-सरकार अदा करे करतारपुर साहिब पर लगने वाला ‘जजिया’

करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एग्रीमेंट पर 23 अक्टूबर को साइन किया जाएगा

Published
भारत
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करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान यात्रियों से 20 डॉलर फीस लेने पर अड़ा है. इस पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है. कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "करतारपुर साहिब जाने के लिए भुगतान करना खुले दर्शन के खिलाफ है. इसलिए केंद्र सरकार को इस जजिया का भुगतान खुद करना चाहिए."

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करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एग्रीमेंट पर 23 अक्टूबर को साइन किया जाएगा. इसी के मद्देनजर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "अगर पाकिस्तान करतारपुर यात्रियों के लिए 20 डॉलर फीस पर जोर देता है और भारत एग्रीमेंट पर साइन करता है, तो एनडीए/बीजेपी सरकार को एमओयू में जजिया कर का भुगतान खुद करने का वचन देना चाहिए. करतारपुर साहिब जाने के लिए भुगतान करना खुले दर्शन और पवित्र अरदास के स्वभाव के खिलाफ है."

पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाने वाले हैं. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया है कि पहले जत्थे में 550 यात्री शामिल होंगे. प्रधानमंत्री एक कॉमन चेकपोस्ट का उद्घाटन करेंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करतारपुर मंदिर में दर्शन करने जा रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हालांकि पाकिस्तान का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. हालांकि वह करतारपुर में एक इंट्रा-पार्टी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं.

विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि यह निराशा की बात है कि भारत से यात्रियों की यात्रा की सुविधा के लिए अधिकतर मुद्दों पर एक सहमति बन गई है, इसके बाद भी पाकिस्तान हर यात्री से 20 डॉलर सेवा शुल्क लगाने पर जोर दे रहा है.

बता दें, गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने के लिए रविवार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होनी थी, लेकिन ये सर्विस शुरू नहीं हो सकी. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान अब भी 20 डॉलर फीस वसूली पर अड़ा हुआ है. भारत और पाकिस्तान को यात्रा को लेकर शनिवार को एग्रीमेंट पर साइन करने था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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