बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अजीबोगरीब सलाह दी है. स्वामी ने सरकार से नोटों पर हिंदू मान्यता के मुताबिक धन की देवी लक्ष्मी जी का फोटो छापने को कहा है. स्वामी का कहना है कि इससे देश की इकनॉमी की हालत सुधर जाएगी.
मध्य प्रदेश के खंडवा में एक कार्यक्रम के दौरान स्वामी ने ये सुझाव दिए हैं. बीजेपी सांसद से इंडोनेशिया में नोटों पर भगवान गणेश की प्रतिमा छपी होने की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
‘‘मैं तो कहता हूं कि भारतीय नोट पर लक्ष्मी का चित्र होना चाहिए. गणपति विघ्नहर्ता हैं, लेकिन देश की करेंसी को सुधारने के लिए लक्ष्मी का चित्र हो सकता है और किसी को इसमें बुरा नहीं लगना चाहिए.’’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए नोटों पर लक्ष्मी जी की फोटो छापने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही जवाब दे सकते हैं.
'हिंदू-मुसलमान का DNA एक'
खंडवा में आयोजित स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला के समापन सत्र में ‘भविष्य का भारत: समान नागरिक संहिता एवं जनसंख्या नियंत्रण’ विषय पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि भारत में बढ़ती जनसंख्या कोई समस्या नहीं है. स्वामी ने कहा कि इस जनसंख्या को उत्पादकता के रूप में इस्तेमाल करने के लिहाज से शिक्षित करने के उपाय ढूंढ़े जाने चाहिए.
हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक ही है. दोनों के वंशज भी एक ही हैं. इंडोनेशिया के मुसलमान मानते हैं कि हमारे वंशज एक ही हैं. लेकिन इसे भारत का मुसलमान क्यों नहीं मान पाता? इंडोनेशिया के (20,000 के) नोट पर गणेश जी की फोटो इस बात को प्रमाणित भी करती है.सुब्रमण्यम स्वामी
स्वामी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक होने के बारे में उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से कहा था, "हैदराबाद में माइक्रोबायोलॉजी लैब है, वहां जांच करा लो. मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही निकलेंगे.’’
स्वामी ने समान नागरिक संहिता का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार एक समान संस्कृति बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और जल्द ही वो समान नागरिक संहिता लाने वाली है.’’
स्वामी का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री मन बना लें तो पांच मिनट में ये भी हो जाएगा. स्वामी ने बताया, "संविधान के अनुच्छेद 44 में इसके बारे में लिखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 70 साल में 10 बार कहा होगा, लेकिन पिछली किसी सरकार ने कदम नहीं उठाए."
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