बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में दिए गए अपने एक बयान पर विवाद पैदा होने के बाद माफी मांग ली है. प्रज्ञा ने 29 नवंबर को लोकसभा में कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं खेद प्रकट करते हुए माफी मांगती हूं. हालांकि प्रज्ञा ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया.
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि प्रज्ञा ने लोकसभा में महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को लेकर विवादित बयान दिया था. बता दें कि इससे पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था, जिसकी वजह से भी बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था. बाद में उन्होंने अपने उस बयान के लिए भी माफी मांगी थी.
लोकसभा में प्रज्ञा ने 27 नवंबर को तब एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया, जब डीएमके सदस्य ए राजा अदालत के सामने नाथूराम गोडसे के उस बयान का जिक्र कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा.
प्रज्ञा के बयान को लेकर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) बिल पर चर्चा के दौरान सिर्फ डीएमके नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर का बयान “दर्ज नहीं किया गया.”
हालांकि, प्रज्ञा ने अपनी सफाई में ट्वीट करते हुए 28 नवंबर को कहा, ''कभी-2 झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है कि दिन में भी रात लगने लगती है, किंतु सूर्य अपना प्रकाश नहीं खोता, पलभर के बवंडर में लोग भ्रमित न हों, सूर्य का प्रकाश स्थाई है. सत्य यही है कि कल (27 नवंबर को) मैंने ऊधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा बस.''
इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ''आतंकी प्रज्ञा आतंकी गोडसे को देशभक्त कहती हैं. भारतीय संसद के इतिहास में एक दुखद दिन.''
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