बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों के खिलाफ देशों में अत्याचार के मामले बढ़ गए हैं. उदित राज की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कोई भी दलितों पर अत्याचार करने से डर नहीं रहा है.
उदित राज ने मीडिया से बात करते हुए कहा,“यह बात सही है कि ऐसी (हिंसा) की घटनाएं बढ़ी हैं. (एससी/एसटी समुदाय के खिलाफ) रोज ऐसा हो रहा है क्योंकि अब किसी के मन में कोई डर नहीं रह गया है.जलगांव और मेहसाणा में जो भी हुआ है उससे यही लगता है कि गुनहगारों में सजा का बिल्कुल खौफ नहीं है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के जलगांव और गुजरात के मेहसाणा में हाल में हुए दो अलग- अलग मामलों में तीन दलित लड़कों को बुरी तरह पीटा गया.
“हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में मिले आरक्षण”
उदित राज के मुताबिक दलित तबके में न्यायपालिका को विरुद्ध भारी गुस्सा है. वो जजों और वकीलों पर विश्वास नहीं रखते हैं. बीजेपी सांसद की मानें तो अब हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने मोदी सरकार के 10 संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर निजी क्षेत्र के लोगों को नियुक्त करने के फैसले में भी आरक्षण की मांग की. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और साथ ही सरकार के सामने ये मामला उठाएंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने दलितों के लिए बहुत-सी योजनाएं शुरू की हैं लेकिन अफसरों ने जमीन पर इनका क्रियान्वयन ठीक से नहीं किया है. भाजपा सांसद ने अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बढ़ाने की भी मांग की है. इसके अलावा भाजपा सांसद ने कहा कि दलित नेता और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. चंद्रशेखर तकरीबन एक साल से जेल में हैं.
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