राजधानी दिल्ली में बीते 15 अप्रैल की सुबह लगी रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में लगी आग मामले में नया खुलासा हुआ है. बीजेपी युवा मोर्चा के नेता मनीष चंदेला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थी शिविर को आग लगाने की स्वीकार की. इसी मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने बीजेपी युवा मोर्चा के नेता मनीष चंदेला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
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बीती 15 अप्रैल को दिल्ली में कालिंदी कुंज के पास रह रहे करीब 200 रोहिंग्या मुसलमानों के रिफ्यूजी कैंप में आग लग गई थी. इस आग में पूरा कैंप जलकर राख हो गया था.
प्रशांत भूषण ने दर्ज कराई शिकायत
सीनियर वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने चंदेला के खिलाफ शिकायत की एक कॉपी को ट्विटर पर पोस्ट किया है. भूषण ने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, 'केस दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं और उसे पार्टी से हटाने के लिए बीजेपी ने भी कोई एक्शन नहीं लिया.'
‘ट्वीट कर कबूली आगजनी की बात’
भूषण ने अपनी शिकायत में बतौर सबूत चंदेला के उन ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स भी दिए हैं, जिसमें चंदेला ने दिल्ली के कालिंदीकुंज इलाके में रोहिंग्या कैंप को आग लगाने में अपनी भूमिका स्वीकार की है.
चंदेला ने रोहिंग्या कैंप में आग लगने के दिन अपने ट्वीटर हैंडल (@CHANDELA_BJYM) से कैंप में आगजनी को लेकर किए गए एक ट्वीट के जवाब में लिखा, 'बहुत अच्छा, हमारे हीरोज'. इसके बाद एक अन्य ट्वीट में चंदेला ने कहा, 'हां, हमने ही रोहिंग्या आतंकियों के घरों को जला दिया.'
शिकायत के मुताबिक, एक दिन बाद चंदेला ने हैशटैग 'RohingyaQuitIndia' के साथ दोबारा ट्वीट किया और लिखा, 'हां, हमने यह किया और दोबारा भी करेंगे.' एक अन्य ट्वीट में चंदेला ने लिखा, ‘भारत में किसी भी जगह अवैध रूप से रह रहे आतंकवादी रोहिंग्या मुसलमानों की बस्ती की जानकारी दें. हम उन्हें उनके असली स्थान पर भेजेंगे. जय श्री राम.’
हालांकि, अब चंदेला का ट्विटर अकाउंट एक्टिव नहीं है.
भूषण ने दिल्ली पुलिस में लिखित शिकायत देकर चंदेला के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि बीती 15 अप्रैल के तड़के दक्षिण दिल्ली के कालिंदीकुंज के पास शरणार्थी कैंप में आग लग गई थी. आग में 200 से ज्यादा शरणार्थियों के घर जल गए थे.
इस आग में शरणार्थियों का सब कुछ जलकर खाक हो गया था. हिंसा के कारण बड़ी संख्या में रोहिंग्या से म्यांमार से पलायन कर चुके हैं. कई रोहिंग्या मुसलमान भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं.
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