इंस्टाग्राम पर पिछले करीब दो दिन से, सेलिब्रिटी से लेकर बाकी महिलाएं अपनी ब्लैक एंड व्हाइट फोटो शेयर कर रही हैं. महिलाएं अपनी फोटो के साथ #ChallengeAccepted और #WomenSupportingWomen जैसे हैशटैग भी पोस्ट कर रही हैं. इंस्टाग्राम प्रवक्ता ने कहा था कि ये हैशटैग महिलाओं के एक-दूसरे को सपोर्ट करने को लेकर हैं, लेकिन अब सामने आया है कि ये हैशटैग एक बड़े कैंपेन का हिस्सा है.
इंस्टाग्राम प्रवक्ता के मुताबिक, #ChallengeAccepted और #WomenSupportingWomen हैशटैग ‘प्यार बांटने, मजबूती को सेलिब्रेट करने और महिलाओं को ये बताने के लिए है कि एक-दूसरे को सपोर्ट करना कितना अहम है.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लैक एंड व्हाइट फोटो चैलेंज टर्की में एक महिला की हत्या के बाद शुरू हुआ. टर्की में 27 साल की छात्र Pinar Gültekin की उसके एक्स-बॉयफ्रेंड ने हत्या कर दी, जिसके बाद महिलाओं ने सोशल मीडिया पर 'फेमिसाइड' के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए इस कैंपेन को शुरू किया है.
टर्की में क्यों विरोध कर रही हैं महिलाएं?
जुलाई में Gültekin की उसके एक्स-बॉयफ्रेंड ने हत्या कर दी. इसके बाद से ही इस देश में महिलाएं बढ़ते फेमिसाइड रेट और महिलाओं की हालत पर लोगों का ध्यान खींच रही हैं. ये विरोध प्रदर्शन इसलिए भी हो रहा है, क्योंकि टर्की की सरकार 'इस्तानबुल कन्वेंशन' से पीछे हटने की कोशिश में है. ये कन्वेंशन महिलाओं को जेंडर-आधारित हिंसा से बचाने के लिए लाया गया था.
द गार्डियन ने, टर्किश मीडिया के हवाले से बताया है कि Gültekin को पहले मारा गया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद एक्स-बॉयफ्रेंड ने उसके शव को जलाकर उसे डस्टबिन में फेंक दिया और कंक्रीट से उसे कवर कर दिया. 32 साल के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
फेमिसाइड जेंडर आधारित हेट क्राइम है. पुरुषों द्वारा महिलाओं की हत्या के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
टर्की में 2019 में, 474 महिलाओं की हत्या कर दी गई. ये पूरे दशक में सबसे बड़ा आंकड़ा है. 2013 के मुकाबले, 2019 में हत्या की ये घटनाएं 200 फीसदी तक बढ़ गईं. जून 2020 तक, लगभग 146 महिलाओं की टर्की में हत्या कर दी गई. कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में, हिंसा की घटनाएं और बढ़ी हैं.
2009 की एक स्टडी के मुताबिक, टर्की में 15-60 साल के बीच करीब 42% महिलाओं पार्टनर के हाथों फिजिकल या सेक्सुअल हिंसा का शिकार हुई हैं.
टर्की से कैसे जुड़ा है ये चैलेंज?
सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में, टर्किश यूजर @imaann_patel ने ये समझाने की कोशिश की है कि ये चैलेंज कैसे शुरू हुआ और इसका क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि टर्की की महिलाओं ने ये चैलेंज महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के विरोध में उठाया है. महिलाएं ये बताना चाह रही हैं कि वो भी इसका शिकार हो सकती हैं.
“फेमिसाइट मामलों में टर्की टॉप देशों में से एक है. ज्यादातर मामलों में, हत्या करने वालों को सजा भी नहीं मिलती है... हमारी सरकार इस्तानबुल कन्वेंशन के कुछ पहलुओं हटाने की कोशिस कर रही है. ये एक मानवाधिकार संधि है जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाती है... टर्की में लोग रोज सुबह उठकर इंस्टाग्राम, अखबारों और अपनी टीवी स्क्रीन्स में उन महिलाओं की ब्लैक एंड व्हाइट फोटो देखते हैं, जिनकी हत्या कर दी गई है. ब्लैक एंड व्हाइट फोटो चैलेंज महिलाओं की आवाज उठाने के तौर पर शुरू हुआ. उन महिलाओं के साथ खड़े रहने के तौर पर, जिन्हें हमने खो दिया है. ये दिखाने के लिए कि एक दिन ये फोटो किसी की भी हो सकती है.”इमान पटेल
द न्यूयॉर्क टाइम्स की ट्रैवल रिपोर्टर Tariro Mzezwa ने ट्वीट में कहा कि चैलेंज के वायरल होने के बाद घरेलू हिंसा और फेमिसाइड को लेकर टर्की के हैशटैग हटा दिए गए. ओरिजनल हैशटैग, जो कि टर्कीश भाषा में थे, उनका मतलब था: 'महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा नहीं' और 'इस्तानबुल कन्वेंशन को लागू करो'.
इससे पहले, इंस्टाग्राम ने कहा था कि इस हैशटैग से शुरुआती पोस्ट करीब एक हफ्ते पहले का ट्रेस हुआ है, जो ब्राजील की जर्नलिस्ट Ana Paula Padrão ने किया था.
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