बोइंग ने भारतीय वायुसेना को नए AH-64E अपाचे और CH-47F(I) चिनूक हेलिकॉप्टर की डिलीवरी पूरी कर दी है. बोइंग ने अपने बयान में बताया है कि वायुसेना के हिंडन स्टेशन पर आखिरी 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर डिलीवर किए गए हैं. इससे पहले मार्च में बोइंग ने वायुसेना को आखिरी पांच CH-47F(I) चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर मुहैया कराए थे.
बोइंग डिफेंस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेंद्र आहूजा ने कहा कि मिलिट्री हेलिकॉप्टर की इन डिलीवरी के साथ वो भारत की डिफेंस फोर्सेज के साथ पार्टनरशिप और मजबूत करना चाहते हैं.
भारत के पास अपाचे का सबसे एडवांस्ड वर्जन
भारत उन 17 देशों में से है जिन्होंने अपाचे को अपनी इन्वेंटरी में शामिल किया है. साथ ही भारत के पास अपाचे का सबसे एडवांस्ड वर्जन AH-64E है. यही वर्जन अमेरिका और बाकी कई देश भी इस्तेमाल करते हैं.
AH-64E में लेटेस्ट कम्युनिकेशन, नेविगेशन, सेंसर और वेपन सिस्टम लगे हैं. इसमें ‘Modernized Target Acquisition Designation System’ भी है, जो रात-दिन और हर मौसम में टार्गेट की जानकारी देता है और नाइट-विजन नेविगेशन सुविधा भी देता है.
'सबसे कुशल हैवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर है चिनूक'
दुनियाभर की करीब 20 डिफेंस फोर्स के पास या तो चिनूक है या फिर उन्हें वो मिलने वाला है. भारत को मिले इन हेलिकॉप्टरों के बयान में कहा गया, "टैंडेम मोटर वाला ये हेलिकॉप्टर 50 से भी ज्यादा सालों से दुनिया का सबसे भरोसेमंद और कुशल हैवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर है. ये गरम मौसम, ऊंची जगहों और क्रॉस-विंड कंडीशन में काम कर लेता है, जहां और हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाते."
CH-47F(I) चिनूक में कॉमन एवियोनिक्स आर्किटेक्चर सिस्टम (CAAS) कॉकपिट और डिजिटल आटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (DAFCS) लगा हुआ है.
2015 में हुई थी डील
रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 22 AH-64E अपाचे और 15 CH-47F(I) चिनूक के प्रोडक्शन, ट्रेनिंग और सपोर्ट का ऑर्डर दिया था.
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान अमेरिका के साथ इंडियन आर्मी के लिए छह अपाचे की डील भी हुई थी.
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