रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तारी के छह दिन बाद भी कोई राहत नहीं मिल सकी है. कोर्ट ने गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने उन्हें अलीबाग अदालत में नियमित जमानत याचिका दायर करने के लिए कहा है और साथ ही यह निर्देश भी दिया है कि इस पर चार दिनों के भीतर फैसला किया जाना चाहिए.
अर्णब पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप हैं. साल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने अलीबाग में अपने ही घर पर सुसाइड कर लिया था. इस सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी का नाम लिखा गया था. कुछ दिन बाद नाइक की मां की भी मौत हो गई थी.
सुसाइड नोट में बताया गया था कि उनकी कंपनी कॉनकोर्ड डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड को उनकी तीन क्लाइंट्स ने काम के बाद बड़ी रकम देने से इनकार कर दिया. इन तीनों क्लाइंट्स में -
- अर्णब गोस्वामी (एआरजी आउटलियर/रिपब्लिक टीवी)को कंपनी के 83 लाख रुपये चुकाने थे
- नीतीश शारदा (स्मार्टवर्क्स) को 55 लाख रुपये
- फिरोज शेख (स्काइमीडिया) को 4 करोड़ की पेमेंट करनी थी
तलोजा जेल में अर्णब गोस्वामी को शिफ्ट किया गया
इससे पहले 8 नवंबर को अर्णब गोस्वामी को नवी मुंबई ते तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. गिरफ्तारी के बाद अर्णब को अलीबाग म्यूनिसिपल स्कूल में एक क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में होने के बाद भी अर्णब गोस्वामी किसी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एक्टिव थे. अर्णब को 5 नवंबर को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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