हर साल बीटिंग रिट्रीट के साथ भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. इस साल भी 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट के साथ कार्यक्रम का अंत हुआ, लेकिन इस बार का समारोह कुछ मायने में खास था. इस बार, 1000 ड्रोन का डिस्प्ले भी बीटिंग रिट्रीट का हिस्सा बने.
बीटिंग रिट्रीट समारोह में जब आसमान मेड इन इंडिया ड्रोन से जगमगा उठा, तो इसके साथ-साथ BotLab डायनेमिक्स ने भी खूब तारीफें बटोरीं. इस स्टार्टअप के पीछे आईआईटी दिल्ली के ब्राइट दिमाग हैं.
29 जनवरी को, ड्रोन्स ने आसमान में भारत की आजादी के 75वें वर्ष के मौके पर 'मेक इन इंडिया' का लोगो, महात्मा गांधी की छवि, भारत का नक्शा, तिरंगा और तरह-तरह की छवियां बनाई.
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कैसे शुरू हुई कंपनी?
IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों द्वारा शुरू की गई कंपनी BotLab को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के रिसर्च और विकास विभाग से शुरुआती एक करोड़ की फंडिंग मिली थी.
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बाद में उन्हें टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा स्केल-अप और कॉमर्शिलाइजेशन के लिए 2.5 करोड़ रुपये दिए गए.
BotLab डायनामिक्स की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी एंटरटेनमेंट और डिफेंस इंडस्ट्री में ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस करती है. इसपर लिखा है, "हम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों को इन-हाउस डिजाइन करके ड्रोन टेक्नोलॉजी सॉल्युशन्स बना रहे हैं."
कंपनी के पीछे IIT के पूर्व छात्र
इस स्टार्टअप को टेक इंस्टीट्यूट के 2014 के बैच के तन्मय बंकर और अनुज बर्नवाल ने शुरू किया है. दोनों कॉलेज में रूममेट्स हुआ करते थे.
बंकर ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "मैं अनुज से कॉलेज के पहले दिन ही मिला था. वो मेरे रूममेट थे. हम इंजीनियरिंग फिजिक्स बैच का हिस्सा थे. शुरुआत में, मैं गाइडेंस कंप्यूटर्स बनाने की कोशिश कर रहा था, और आईआईटी दिल्ली में ड्रोन बनाने वाला मैं पहला शख्स था. किसी भी सिस्टम का सबसे महंगा हिस्सा होता है इलेक्ट्रोनिक्स. 2012 में, हमने कैंपस में पहला कॉप्टर उड़ाया."
"ड्रोन्स को 16 मिलियन रंगों को शामिल करने के हिसाब से प्रोग्राम किया गया है, जितने की नए लैपटॉप्स में होते हैं. वो आसामान में पैटर्न बनाने के लिए शो के दौरान रंग बदलते हैं. फॉर्मेशन के दौरान म्यूजिक भी होगा, जिससे ऑडियो-विजुअल बेहतर होगा."बंकर ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया
सुबीर कुमार साहा के मुताबिक, कंपनी 50-100 ड्रोन के साथ डेमो कर सकती थी, लेकिन जब रक्षा मंत्रालय 1000-ड्रोन डिस्प्ले लगाने का प्रस्ताव लेकर आया, तो उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया.
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