जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक सड़क का नाम सावरकर पर रखे जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर में एक सड़क का नामकरण हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के नाम पर किया है.
लेकिन सावरकर मार्ग वाले बोर्ड पर बीआर आंबेडकर का नाम लिख दिया गया है. फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि आंबेडकर का नाम बोर्ड पर किसने लिखा है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने प्रशासन के इस फैसले पर आपत्ति जताई है.
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने प्रशासन के इस कदम की आलोचना करते हुए ट्वीट कर लिखा,-
‘हम एक माफ़ी मांगने वाले और अंग्रेज़ों के ऐसे चमचे को नहीं स्वीकार कर सकते जिसने हमारे धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया. हमें उनका सम्मान करना चाहिए जिन्होंने हमें संविधान दिया.’
जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर से भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क का नामकरण किया गया है. उन्होंने कहा, इससे पहले सड़क का कोई नाम नहीं था. लेकिन रविवार रात को हमने देखा कि इसका नाम वी डी सावरकर मार्ग कर दिया गया है.
कोरोना के चलते 31 मार्च तक कैंपस
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिल्ली सरकार द्वारा कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर एक सलाह जारी करने के बाद 31 मार्च तक कैंपस में सभी शैक्षणिक गितिविधियां रद्द कर दी हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी कोविड-19 को लेकर एक पत्र जारी किया था.
वहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने शैक्षणिक गतिविधियों को निरस्त करने पर सवाल उठाए हैं. जेएनयूएसय ने एक बयान में कहा,-
जब हम एहतियात बरतने की जरूरत समझ रहे हैं, ऐसे में केवल कक्षाएं निरस्त करने के बजाय इससे बचाव के लिए तैयारी को और मजबूत करने की आवश्यकता है. चूंकि यह सलाह दी जाती है कि छूत फैलने न दें, ऐसे में यह सुनिश्चित करने के लिए यात्रा को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
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