प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 13वें ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS) की अध्यक्षता की. ब्राजील के जायर बोल्सोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा बैठक में शामिल हुए. ब्रिक्स देशों ने साझा बयान जारी कर कहा कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ हमले के लिए नहीं होना चाहिए.
"अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ हमले करने और नशीली दवाओं के व्यापार के लिए नहीं किया जाना चाहिए. हम मानवीय स्थिति को संबोधित करने और अल्पसंख्यकों समेत मानवाधिकारों को बनाए रखने की जरूरत पर बल देते हैं."ब्रिक्स समूह
ब्रिक्स देशों ने ये भी कहा कि वो आतंकवाद और आतंकवाद के लिए अनुकूल उग्रवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को खारिज करते हैं. बयान में समूह ने कहा, “हम आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें आतंकवादियों के क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट भी शामिल है. हम दोहराते हैं कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए."
सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान भारत को सभी सदस्यों से पूरा सहयोग मिला है.
पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने पिछले डेढ़ दशकों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "आज हम दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं."
"हमें ये सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 सालों में और परिणामदायी हो. भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है."प्रधानमंत्री मोदी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सम्मेलन ने कहा, "अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों की वापसी ने एक नया संकट पैदा कर दिया है, और ये अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ये वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित करेगा. ये अच्छा है कि हमारे देशों ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया है."
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